उत्तर प्रदेश में 513 मदरसों की मान्यता जल्द समाप्त की जाएगी। इनमें से अधिकांश मदरसों ने मदरसा शिक्षा बोर्ड को मान्यता वापस लेने के लिए पत्र लिखा है। इस प्रकरण को मंगलवार को हुई मदरसा बोर्ड की बैठक में रजिस्ट्रार आरपी सिंह के पास भेजा गया। बोर्ड ने पहले इन मामलों की समीक्षा करने और फिर नियमावली के तहत आगे की कार्रवाई के लिए रजिस्ट्रार को अधिकृत किया।
मदरसा चलाने में वर्तमान में कठिनाइयों का सामना
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मान्यता सरेंडर करने वाले मदरसे अब दूसरे बोर्डों से मान्यता लेकर स्कूल के रूप में काम करना चाहते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि मदरसा चलाने में वर्तमान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर जब परीक्षा की तैयारी चल रही थी और शासन ने मदरसों की जांच शुरू कर दी थी, जिससे परीक्षा की तैयारियों में बाधा आई। इन कारणों से भी मान्यता की वापसी की जा रही है।
मदरसा पोर्टल में आवश्यक अपडेट
मदरसा बोर्ड की बैठक में नए मदरसों को मान्यता देने का मामला भी उठाया गया। यह तय किया गया कि नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरह ऑनलाइन प्रस्ताव के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए मदरसा पोर्टल में आवश्यक अपडेट किए जाने पर सहमति बनी है।
इसके अलावा, बोर्ड ने 2018 से पहले के सभी छात्रों की मार्कशीटों को चरणबद्ध तरीके से अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय लिया है। बैठक में यह भी तय किया गया कि इस शैक्षणिक सत्र में मदरसों की परीक्षाएं फरवरी 2025 के पहले हफ्ते में आयोजित की जाएंगी, जैसा कि पिछले साल की तर्ज पर किया गया था। बैठक में बोर्ड उपाध्यक्ष जे. रीभा, सदस्य कमर अली, डॉ. इमरान अहमद, और असद हुसैन भी मौजूद थे।
513 मदरसों ने परिषद से मान्यता वापस लेने की अर्जी
मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से जारी बयान के अनुसार, प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 513 मदरसों ने परिषद से मान्यता वापस लेने की अर्जी दी है। इस प्रस्ताव को बैठक में अनुमोदित करके आगे की कार्रवाई के लिए परिषद के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है।
मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य कमर अली ने बताया कि इन 513 मदरसों ने परिषद से मिली मान्यता को समर्पित करने की अर्जी दी थी, और इसी पर आज की बैठक में फैसला लिया गया है।