उत्तर प्रदेश के बहराइच में हाल ही में आदमखोर भेड़िये ने दो अलग-अलग गांवों में हमले किए। पहला हमला गड़रियन पुरवा गांव में 11 साल की बच्ची पर हुआ, और दूसरा हमला खैरीघाट थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में हुआ जिसमें 10 साल की बच्ची घायल हो गई।
पांच भेड़ियों के पकड़े जाने के बावजूद, एक ही रात में दो अलग-अलग जगहों पर हमले से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि बहराइच में कितने और आदमखोर भेड़िये अभी भी खुले में हैं और स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा और बचाव के अधिक प्रभावी उपायों की मांग कर रहे हैं।
मंगलवार देर रात बहराइच में आदमखोर भेड़िया ने दो अलग-अलग गांवों में हमले किए। महसी तहसील के मैकूपूर्वा के गड़रियन पुरवा में, भेड़िया ने रात 12 से 1 बजे के बीच 11 साल की सुमन पर हमला किया। वहीं, भवानीपुर गांव में सुबह करीब 5 बजे भेड़िया ने फूस के घर में सो रही 10 साल की शिवानी को गर्दन से पकड़कर भागने की कोशिश की। हालांकि, शोर मचाने पर भेड़िया भाग निकला।
दोनों बच्चियों का इलाज चल रहा है; एक का इलाज सीएचसी महसी में और दूसरी का इलाज मेडिकल कॉलेज बहराइच में किया जा रहा है। इस बार की घटनाओं ने ग्रामीणों में और अधिक चिंता और दहशत पैदा कर दी है।
मंगलवार को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से भेड़िया झुंड के पांचवे सदस्य को पकड़ लिया था, जिससे महसी इलाके की 50,000 से अधिक की आबादी ने राहत की सांस ली थी। हालांकि, देर रात भवानीपुर गांव में एक नए हमले ने फिर से लोगों को दहशत में डाल दिया है।
वन विभाग का कहना है कि झुंड में कुल 6 भेड़िए हैं, जिनमें से पांच को पकड़ा जा चुका है। अभी छठे भेड़िये को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भवानीपुर गांव में हमला करने वाला भेड़िया वही छठा भेड़िया है या फिर अभी और भेड़िए हैं जो खुले में हैं। ग्रामीणों की चिंताओं को देखते हुए, वन विभाग को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और लोगों की चिंता को दूर किया जा सके।