यूक्रेनी कमांडर ने क्यों दिया इस्तीफा? 12 सैनिकों की मौत के बाद उठाया बड़ा कदम
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हाल ही में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। यूक्रेन के थल सेना प्रमुख मिखाइलो ड्रापती ने 1 जून को हुए रूसी हमले में 12 सैनिकों के मारे जाने के बाद अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। इस हमले ने यूक्रेनी सेना के लिए गंभीर क्षति पहुंचाई और सेना ने भी इस घटना की स्वीकारोक्ति की है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस बड़े कदम के पीछे क्या वजह थी और इसका असर युद्ध की स्थिति पर कैसे पड़ेगा।
1 जून का हमला: 12 सैनिकों की मौत
1 जून को यूक्रेन के एक प्रशिक्षण क्षेत्र में रूसी मिसाइल हमले ने भारी तबाही मचाई। इस हमले में कम से कम 12 सैनिक मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हो गए। यूक्रेनी सेना ने इस घटना को स्वीकार करते हुए बताया कि सैनिकों का कोई सामूहिक सभा में होना जरूरी नहीं था, क्योंकि हमले के वक्त ज्यादातर सैनिक अपने-अपने आश्रयों में मौजूद थे। हालांकि, इस हमले के सटीक क्षेत्र के बारे में सेना ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
यूक्रेनी सेना ने बयान में कहा कि दुश्मन ने उनकी ट्रेनिंग यूनिट पर निशाना साधा, जिससे यह बड़ा नुकसान हुआ। इस हमले ने न केवल सैनिकों की जान ली बल्कि युद्ध के माहौल में तनाव और बढ़ा दिया।
इस्तीफे के पीछे की नैतिक जिम्मेदारी
इस हमले के बाद यूक्रेन के थल सेना प्रमुख मिखाइलो ड्रापती ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी वे खुद पर लेते हैं। ड्रापती ने कहा, “यह मेरे लिए एक व्यक्तिगत त्रासदी है। मैंने जानबूझकर यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि मैं अपने सैनिकों की मौत के लिए जिम्मेदार महसूस करता हूं।”
इस इस्तीफे ने यूक्रेनी सेना के भीतर नैतिक जिम्मेदारी और नेतृत्व की भावना को दर्शाया है। साथ ही सेना ने साफ किया है कि जवानों की मौत के लिए दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी और पूरी जवाबदेही तय की जाएगी।
रूस के खिलाफ यूक्रेन का ड्रोन हमला
वहीं, यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक बड़े ड्रोन हमले का भी दावा किया है। इस हमले में यूक्रेन ने रूस के वायुसैनिक अड्डों को निशाना बनाकर 40 से अधिक बम बरसाने वाले विमानों को तबाह किया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस ड्रोन हमले को अंजाम देने में डेढ़ साल का समय लगा और इसकी योजना और देखरेख यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने व्यक्तिगत रूप से की। यह हमले युद्ध में यूक्रेन की सक्रियता और उसके कूटनीतिक तथा सैन्य प्रयासों को दर्शाता है।
आगे की राह क्या होगी?
यूक्रेनी सेना प्रमुख के इस्तीफे और सेना द्वारा जिम्मेदारों को सजा देने के वादे से पता चलता है कि यूक्रेन अपनी कमियों को सुधारने के लिए गंभीर है। ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन युद्ध में भारी संघर्ष जारी है, हर एक घटना का युद्ध पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
इस बीच, युद्ध का मंजर दिन-ब-दिन बदलता जा रहा है और दोनों पक्ष अपनी-अपनी रणनीतियों को तेज कर रहे हैं। यूक्रेन की ओर से नैतिक जिम्मेदारी निभाना और कड़े कदम उठाना इस बात का संकेत है कि वह अपने सैनिकों के सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध में हाल ही में हुए रूसी हमले ने यूक्रेनी सेना को बड़ा झटका दिया है। 12 सैनिकों की मौत के बाद सेना प्रमुख का इस्तीफा युद्ध के तनाव को और बढ़ाता है, लेकिन साथ ही यह नेतृत्व की जिम्मेदारी और जवाबदेही को भी दर्शाता है। यूक्रेन के ड्रोन हमले से पता चलता है कि वह लड़ाई में पीछे नहीं हट रहा है। आने वाले समय में इस संघर्ष के और भी निर्णायक मोड़ देखने को मिल सकते हैं।