कानपुर में जूही यार्ड से शनिवार सुबह करीब 11 बजे भुसावल के लिए निकली खाली मालगाड़ी के दो डिब्बे गोविंदपुरी स्टेशन से पहले पटरी से उतर गए। घटना के समय ट्रेन की गति अधिक नहीं थी। सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी और आरपीएफ स्टाफ मौके पर पहुंचे। लोको शेड से आपदा राहत ट्रेन (एआरटी) मंगवाकर डिब्बों को हटवाया गया। मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और रेलवे की तकनीकी टीम रविवार को घटना स्थल का मुआयना कर सकती है। राहत की बात यह है कि हादसे का अन्य ट्रेनों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा।
सुबह 11:08 बजे, दोपहिया और चार पहिया वाहन ले जाने वाली मालगाड़ी (एनएमजी) जूही यार्ड से निकलकर गोविंदपुरी स्टेशन की ओर भीमसेन रूट पर जाने वाली चौथी लाइन पर रवाना हुई। जैसे ही मालगाड़ी थोड़ी रफ्तार से आगे बढ़ी, इंजन से 11वां और 12वां डिब्बा पटरी से उतर गया। इस पर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर कंट्रोल रूम को तुरंत सूचना दी।
इसके बाद सेंट्रल स्टेशन और प्रयागराज मंडल के अधिकारियों को सूचना दी गई। थोड़ी ही देर में आपदा राहत ट्रेन मौके पर पहुंच गई, जिसने पहले डिब्बे को दोपहर 12:23 बजे और दूसरे डिब्बे को 12:35 बजे हटाने में मदद की। इसके बाद, ट्रेन लगभग एक घंटे बाद फिर से अपनी यात्रा पर निकल पड़ी।
जहां मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतरे, उस स्थान से लगभग 15 किलोमीटर दूर 16 अगस्त की रात करीब 2:30 बजे साबरमती एक्सप्रेस भी पटरी से उतर गई थी। इस मामले की जांच पुलिस, एटीएस, एनआईए और एसएजी द्वारा की जा रही है।
मालगाड़ी के दो डिब्बों के बेपटरी होने के मामले की जांच रेलवे के कई विभागों की टीम करेगी। यह हादसा गोविंदपुरी के एक नंबर स्टेशन की लूप लाइन पर हुआ, और इसके कारणों का पता लगाने के लिए रविवार को रेलवे के ऑपरेटिंग, मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, और सेफ्टी विभागों के विशेषज्ञ मौके का मुआयना कर सकते हैं। शनिवार को रेलवे के अधिकारियों ने वीडियो और फोटो भी लिए और मालगाड़ी के पहियों के नीचे तथा आसपास संदिग्ध वस्तुओं की जांच की। प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि इस हादसे में किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। सभी विभागों द्वारा जांच की जाएगी और रिपोर्ट तैयार की जाएगी।