ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिकी बाजार संकट में, निवेशकों की चिंता बढ़ी
शेयर बाजार में भारी गिरावट
अमेरिकी शेयर बाजार S&P 500 इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर से 8% तक गिर चुका है। इसका मुख्य कारण डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को माना जा रहा है। इस गिरावट से बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है और निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा, जिससे चिंता और बढ़ गई है।
लोगों को 4.8 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
अमेरिकी बाजार में आम निवेशकों का 38 ट्रिलियन डॉलर का निवेश था, जो हाल की गिरावट के बाद घटकर 4.8 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। जब शेयर बाजार गिरता है, तो लोगों की संपत्ति कम होती है और वे खर्च में कटौती करने लगते हैं। इससे बाजार पर और दबाव बढ़ता है और आर्थिक गतिविधियां धीमी हो सकती हैं।
उधार लेकर निवेश करने वालों के लिए बड़ा खतरा
अमेरिका में मार्जिन लोन यानी उधार लेकर शेयर खरीदने का चलन बढ़ गया है। एक बड़ी ब्रोकरेज फर्म ने पिछले साल ही अपने ग्राहकों को 54 अरब डॉलर का मार्जिन लोन दिया था। अब जब बाजार गिर रहा है, तो इन निवेशकों के लिए जोखिम और बढ़ गया है। अगर गिरावट जारी रही, तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
राजनीतिक खींचतान से बढ़ा संकट
अमेरिका में 20% सबसे अमीर लोग शेयर बाजार की 87% संपत्ति के मालिक हैं। यह वर्ग आमतौर पर ट्रंप की विरोधी डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थक माना जाता है। कई विश्लेषकों का मानना है कि इसी वजह से ट्रंप शेयर बाजार की इस गिरावट को ज्यादा महत्व नहीं दे रहे, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।
बाजार में मंदी का असर खर्च पर पड़ेगा
साल 2019 के बाद से अमेरिका के टॉप 20% अमीरों का खर्च 50% तक बढ़ गया था, जिससे बाजार में रौनक बनी हुई थी। लेकिन अगर शेयर बाजार की गिरावट जारी रही, तो इन लोगों का खर्च कम हो सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा। आर्थिक मंदी का यह संकेत निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है।