ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला: अमेरिका और इजरायल की तैयारियां
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद, ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित हमले की चर्चाएँ तेज हो गई हैं। अमेरिका के डिप्टी कमांडर ब्रैड कूपर ने हाल ही में इजरायल का दौरा किया, जहां उन्होंने इजरायली सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की योजना बनाई गई, साथ ही अमेरिकी प्रशासन द्वारा रोके गए हथियारों की आपूर्ति पर भी विचार किया गया। यह बैठक ईरान के बढ़ते परमाणु खतरे को लेकर हुई थी, और इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु साइटों पर हमले को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है।
ईरान को लेकर ट्रंप का रुख और अमेरिका की सैन्य योजनाएं
कूपर ने इजरायली सेना के मेजर जनरल अमीर बाराम से मुलाकात में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान बाइडेन प्रशासन द्वारा रोके गए हथियारों की आपूर्ति पर भी विचार किया गया। इन हथियारों में भारी बम और D9 कैटरपिलर बुलडोजर शामिल हैं, जिनकी आपूर्ति को बाइडेन प्रशासन ने रोक दिया था। इस मुलाकात के बाद, इजरायल और अमेरिका के अधिकारियों ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गंभीर विचार विमर्श किया।
ट्रंप की वापसी और ईरान की चिंताएं
डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट किया है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का आदेश दे सकते हैं, और इससे ईरान में चिंता का माहौल बन गया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि वर्ष 2025 ईरान के परमाणु मुद्दे के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है। ईरान को आशंका है कि ट्रंप की वापसी इजरायल को और मजबूत करेगी, जिससे ईरान पर आक्रामकता बढ़ सकती है। ट्रंप का रुख ईरान के प्रति हमेशा आक्रामक रहा है, और उनके शासनकाल में ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे।
ईरान के खिलाफ अमेरिका-इजरायल का गठजोड़
इजरायल और अमेरिका लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है। ट्रंप का रुख इस दिशा में सख्त रहा है, और वह ईरान के खिलाफ किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से इनकार नहीं करते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ट्रंप की वापसी ईरान के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है, और वे अपनी सुरक्षा को लेकर नए तरीके से तैयार हो सकते हैं।
इजरायली सेना और अमेरिका की सैन्य सहयोग
इस मुलाकात में इजरायल और अमेरिका के सैन्य अधिकारियों के बीच अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इनमें बाइडेन प्रशासन द्वारा रोके गए हथियारों की आपूर्ति के बारे में भी बात की गई। इजरायल सेना के प्रवक्ता ने बताया कि कूपर ने इजरायली वायु सेना के अड्डों का दौरा किया और ऑपरेशनल गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने यमन से आने वाले खतरों और अमेरिकी सेना के साथ सहयोग पर भी विचार किया, जो भविष्य में ईरान के खिलाफ कार्रवाई में अहम भूमिका निभा सकते हैं।