कनाडा के लोग अमेरिका में शामिल होने की बात पर क्या कह रहे हैं?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कनाडा को अमेरिका में शामिल करने की बात उठाई, जिससे एक नई बहस शुरू हो गई है। ट्रंप के इस बयान पर कनाडा में मिलेजुले रिएक्शंस देखने को मिल रहे हैं, जबकि विशेषज्ञ इसे आलोचना की नजर से देख रहे हैं।
ट्रंप का प्रस्ताव: टैरिफ से मुक्ति और टैक्स में कमी
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अगर कनाडा अमेरिका में शामिल होता है तो कनाडा को टैरिफ से मुक्ति मिल जाएगी और टैक्स भी कम हो जाएगा। हालांकि, कनाडा के लोगों ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें यह विचार आकर्षक नहीं लगा। कनाडा के लोग अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के पक्षधर हैं।
कनाडा के विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
कनाडा की प्रमुख विपक्षी कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोलिएवे ने ट्रंप के बयान को खारिज करते हुए कहा कि कनाडा कभी भी अमेरिका का 51वां राज्य नहीं बनेगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “हम एक महान और स्वतंत्र देश हैं। हम अमेरिका के अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हम अपनी स्वतंत्रता पर समझौता नहीं करेंगे।”
पिएरे ने आगे यह भी कहा कि कनाडा ने 9/11 हमले के बाद अमेरिका की मदद की थी, और वे अमेरिकी सामान खरीदते हैं और उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा आपूर्ति करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे अमेरिका का हिस्सा बन जाएं।
ट्रंप के विचारों पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना
दुनिया भर के विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार ट्रंप के इस विचार की आलोचना कर रहे हैं। द हिन्दू के संपादक स्टैनली जॉनी ने लिखा कि यह बयान अमेरिका की अपनी नीतियों और दुनिया के देशों के प्रति उसके रुख को लेकर संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का यह बयान उस वैश्विक नीति के खिलाफ है जिसे पहले अमेरिका ने रूस जैसे देशों के खिलाफ अपनाया था।
कनाडा के नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
कनाडा में प्रमुख नेताओं ने भी ट्रंप के बयान का विरोध किया। एनडीपी के नेता जगमीत सिंह ने ट्रंप की आलोचना करते हुए लिखा, “कनाडा के लोग अपनी स्वतंत्रता और पहचान पर गर्व करते हैं। हम कभी भी अमेरिकी नियंत्रण में नहीं आएंगे।”
कनाडा की विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने भी इस बयान का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि ट्रंप को यह समझना चाहिए कि कनाडा एक मजबूत और स्वतंत्र देश है, और हमें किसी भी तरह की धमकियों से डरने की जरूरत नहीं है।
मैक्सिम बर्निअर का विरोध
पीपल्स पार्टी ऑफ कनाडा के प्रमुख मैक्सिम बर्निअर ने ट्रंप के विचारों को “सैन्यवादी और साम्राज्यवादी रवैया” बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप का यह विचार एक नई आर्थिक और राजनीतिक युद्ध की शुरुआत हो सकता है, जो कनाडा और अमेरिका दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
कनाडा की संप्रभुता पर जोर
संयुक्त राष्ट्र में कनाडा के राजदूत बॉब रे ने भी कनाडा की संप्रभुता की रक्षा की बात करते हुए कहा, “कनाडा की संप्रभुता की रक्षा करना हर देशभक्त का कर्तव्य है। यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने देश की स्वतंत्रता और अखंडता की रक्षा करें।”
इस प्रकार, कनाडा के लोग और उनके नेता ट्रंप के प्रस्ताव को नकारते हुए अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।