क्या खत्म होगी रूस-यूक्रेन जंग? ट्रंप-जेलेंस्की मुलाकात से बढ़ी उम्मीदें
व्हाइट हाउस में हुई अहम बैठक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की व्हाइट हाउस में हुई बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी थीं। इस मुलाकात में यूक्रेन की सुरक्षा और रूस-यूक्रेन युद्ध पर विशेष चर्चा की गई। खास बात यह रही कि इस बार जेलेंस्की अकेले नहीं थे, बल्कि उनके साथ यूरोपीय देशों के नेता भी मौजूद थे। बैठक का मकसद था यह पता लगाना कि क्या लंबे समय से चली आ रही जंग अब खत्म होने की ओर बढ़ सकती है।
शांति के लिए ट्रंप का संकल्प
ट्रंप ने बैठक में स्पष्ट कहा कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करना चाहते हैं। उनका कहना था, “हम बहुत से लोगों की जान बचाना चाहते हैं। शांति हमारे ही हाथ में है, भले ही यह मुश्किल हो।” ट्रंप ने अलास्का समिट का जिक्र करते हुए कहा कि वहां उन्हें एहसास हुआ कि युद्ध को रोकने के लिए अब ठोस कदम उठाने का समय आ गया है।
पुतिन की भूमिका पर चर्चा
बैठक के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि पुतिन यूक्रेन को किस तरह सुरक्षा गारंटी दे सकते हैं। ट्रंप ने यहां तक कहा कि वे जल्द ही पुतिन से फोन पर बात करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 अगस्त को ट्रंप, जेलेंस्की और पुतिन की त्रिपक्षीय मुलाकात हो सकती है। इस मुलाकात में सुरक्षा गारंटी, बॉर्डर पर तनाव, युद्ध क्षेत्र की स्थिति और संभावित भू-क्षेत्रों के आदान-प्रदान पर चर्चा की जाएगी।
यूरोपीय नेताओं की सक्रिय भागीदारी
इस मीटिंग में यूरोपीय नेताओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। उनका मानना है कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म नहीं किया गया तो इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था और शांति पर पड़ेगा। यूरोप इस युद्ध से पहले ही ऊर्जा संकट और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर चुका है, ऐसे में शांति समझौता जरूरी माना जा रहा है।
पुतिन संग होने वाली मुलाकात पर टिकी उम्मीदें
हालांकि ट्रंप-जेलेंस्की की इस मुलाकात से सकारात्मक संकेत जरूर मिले हैं, लेकिन असली नतीजे पुतिन के साथ होने वाली बैठक से तय होंगे। अगर पुतिन सहमत हुए तो युद्धविराम की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। ट्रंप ने साफ कहा कि अंतिम फैसला जेलेंस्की और यूक्रेन के लोगों के हाथ में होगा, लेकिन शांति समझौता निकट भविष्य में संभव है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, व्हाइट हाउस में हुई इस अहम बैठक ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की उम्मीदें जगा दी हैं। अब सबकी निगाहें 22 अगस्त को संभावित त्रिपक्षीय मुलाकात पर टिकी हैं, जहां शायद दुनिया को इस लंबे संघर्ष का कोई ठोस हल मिल सके।