ट्रंप का दावा: ‘भारत-पाकिस्तान लड़ेंगे तो नहीं होगी ट्रेड डील’
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने पुराने दावे को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने में उनकी अहम भूमिका रही है। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने ही दोनों देशों के बीच सीजफायर (गोलीबारी रोकने) की स्थिति पैदा करवाई थी। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक दोनों देश आपस में लड़ते रहेंगे, तब तक अमेरिका उनके साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेगा।
हेग में प्रेस वार्ता के दौरान दिया बड़ा बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने नीदरलैंड के हेग शहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, तो उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से फोन पर बात की और शांति स्थापित करने में सफलता पाई। ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दो टूक कहा कि अगर दोनों देश आपसी झगड़े में उलझे रहेंगे, तो अमेरिका किसी भी प्रकार की ट्रेड डील पर आगे नहीं बढ़ेगा।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से मुलाकात
ट्रंप ने खुलासा किया कि उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर से अपने दफ्तर में मुलाकात की थी। इस दौरान भी दोनों देशों के आपसी संबंध और शांति की संभावनाओं पर बातचीत हुई। ट्रंप ने इशारों में यह भी जताया कि इस मुलाकात का उद्देश्य भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करना था।
मोदी को बताया ‘सज्जन व्यक्ति’, कहा- समझाया था ट्रेड डील का मतलब
ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें ‘बहुत अच्छे दोस्त’ और ‘सज्जन व्यक्ति’ कहा। उन्होंने बताया कि उन्होंने मोदी को समझाया था कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई जारी रही, तो अमेरिका उनके साथ व्यापार नहीं करेगा। इस पर मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे व्यापार डील चाहते हैं और स्थिति को बेहतर करने की कोशिश करेंगे।
परमाणु युद्ध टालने का भी दावा
ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका के हस्तक्षेप से भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को टाला गया। उनका कहना है कि यदि समय रहते दोनों देशों को चेताया न जाता, तो स्थिति और बिगड़ सकती थी।
पुतिन और यूक्रेन पर भी बोले ट्रंप
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जुड़ा एक और बड़ा दावा किया। उन्होंने बताया कि पुतिन ने उन्हें ईरान और इजरायल के बीच तनाव कम कराने के लिए मदद का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बजाय उन्होंने पुतिन से यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर ध्यान देने को कहा।
NATO देशों पर भी दिखा ट्रंप का असर
ट्रंप के दबाव में अब नाटो (NATO) देश भी अपनी रक्षा नीति में बड़ा बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को हुए शिखर सम्मेलन में अपने रक्षा खर्च को जीडीपी का 5% करने पर सहमति जताई। इस दौरान सभी 32 सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा गारंटी यानी अनुच्छेद 5 के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई – जिसमें कहा गया है कि अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो वह सभी पर हमला माना जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप के ये बयान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा सकते हैं, खासकर भारत-पाकिस्तान के संबंधों और अमेरिका की भूमिका को लेकर नई बहस को जन्म दे सकते हैं।