बाघ के शव के पास एक अन्य बाघ के पदचिन्ह भी मिले हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि दोनों बाघों के बीच आपसी संघर्ष में एक बाघ की मौत हो गयी है । लेकिन यह आशंका और बाघ की मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
वन विभाग ने तुरंत डॉक्टरों की एक टीम को बुलाया, जो बाघ के शव का पोस्टमॉर्टम करेगी। इसके अलावा, मौके पर फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है ताकि किसी तरह की शिकार या ज़हर देने की आशंका को दूर किया जा सके। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घटना के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है। जिसके बाद ही बाघ की मौत का सही कारण पता चल पाएगा ।
बाघों की रहस्यमयी मौतें वन्यजीव संरक्षण के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं। उमरिया जिला, जो बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के नजदीक स्थित है, बाघों की आबादी के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में इस घटना ने वन विभाग को सतर्क कर दिया है। वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें आसपास के क्षेत्रों में कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए तो वन अमले को तत्काल जानकारी दें ।
विदित हो कि पिछले माह शहडोल जिले में भी बाघ के मूवमेंट की जानकारी सामने आ चुकी है ,साथ ही बाघ ने शहडोल के ग्राम अंतरा में एक ग्रामीण को मौत के घाट भी उतार दिया था । लेकिन इस घटना के बाद एक बार फिर बाघ के शहडोल जिले की सीमा के आसपास विचरण की संभावना लग रही है । बहरहाल आमजन से अपनी व बाघ की सुरक्षा की अपील वन विभाग द्वारा की गयी है ।