बिहार के गया जिले में डायरिया के कारण तीन लोगों, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं, की मौत हो गई है। लगभग 50 अन्य लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। चिकित्सकों ने बताया कि बोधगया थाना क्षेत्र के मंझौली गांव में डायरिया के प्रकोप के चलते 7 से 10 वर्ष की आयु के दो बच्चों की और एक ग्रामीण, नरेश यादव की पत्नी की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, बोधगया प्रखंड के मंझौली गांव में डायरिया के फैलने से गांव में आतंक का माहौल बन गया है। पिछले दो दिनों में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। दस्त और उल्टी की समस्याओं के चलते ग्रामीण निजी क्लीनिक में इलाज करा रहे हैं। इस बीच, बोधगया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक मेडिकल टीम गांव पहुंच गई है, जो बीमार लोगों का इलाज कर रही है। हालांकि, जिले के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार इस घटना की जानकारी नहीं रखते। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है और वे इस पर जानकारी ले रहे हैं।
गांव में एक भोज आयोजित किया गया था, जिसके बाद लोगों की तबियत बिगड़ने लगी। पहले बच्चे बीमार हुए, और फिर धीरे-धीरे बड़े लोग भी दस्त और उल्टी की समस्याओं से प्रभावित हुए। गांव के निवासी अंबिका यादव ने बताया कि डायरिया से 7 वर्षीय गौरी, 10 वर्षीय मिथुन कुमार और नरेश यादव की पत्नी की मौत हो गई। गांव के कई लोग बोधगया और करमौनी गांव के निकट निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। फिलहाल, डायरिया फैलने के कारण पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है, और कई ग्रामीण अपने रिश्तेदारों के घर जाकर रह रहे हैं।
इस मामले पर बोधगया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि मंझौली गांव में डायरिया फैलने की सूचना मिलते ही दो एंबुलेंस और चिकित्सकों की टीम वहां भेजी गई है। चिकित्सक बीमार लोगों का इलाज कर रहे हैं।