2 घंटे की ये मर्डर मिस्ट्री आपको बांधे रखेगी – IMDb रेटिंग भी दमदार
आजकल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हर जॉनर की शानदार फिल्मों और वेब सीरीज की भरमार है, लेकिन अगर आप एक ऐसी कहानी की तलाश में हैं जो आपको शुरू से अंत तक अपनी सीट से हिलने न दे – तो ये मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट है। महज 2 घंटे की इस फिल्म में वो सब कुछ है जो एक बेहतरीन थ्रिलर में होना चाहिए – सस्पेंस, इमोशन और ज़बरदस्त परफॉर्मेंस।
थ्रिल और सस्पेंस से भरपूर कहानी
इस फिल्म की कहानी एक हाई प्रोफाइल मर्डर केस के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां एक अमीर पिता पर अपनी ही बेटी की हत्या का आरोप लगता है। कोर्ट उसे दोषी मानकर जेल भेज देती है, लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं होता। एक तेज-तर्रार सीबीआई ऑफिसर इस केस की गहराई से जांच करने के लिए आता है। जैसे-जैसे वो सच्चाई के करीब पहुंचता है, वैसे-वैसे कहानी में ऐसे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं जो दर्शक को चौंका देते हैं।
असली घटना से प्रेरित
इस फिल्म की खास बात ये है कि इसकी कहानी एक चर्चित असली हत्याकांड से प्रेरित है, जिसने देशभर में खूब सुर्खियाँ बटोरी थीं। निर्देशक ने इस संवेदनशील केस को फिल्मी अंदाज़ में बेहद संतुलित तरीके से पेश किया है। ये फिल्म उस क्राइम केस की परतों को एक-एक करके खोलती है और दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है।
दमदार अभिनय और निर्देशन
फिल्म में केके मेनन ने सीबीआई ऑफिसर की भूमिका निभाई है, जो केस की परतें खोलते जाते हैं। उनके साथ तिस्का चोपड़ा, आशीष विद्यार्थी और बेबी साक्षी महाजन ने भी अपने किरदारों में जान डाल दी है। हर एक कलाकार ने अपने रोल को इतने वास्तविक अंदाज़ में निभाया है कि लगता है मानो आप किसी असली घटना को अपनी आँखों से देख रहे हों।
निर्देशन की बात करें तो मनीष गुप्ता ने बेहद सटीक और टाइट स्क्रीनप्ले के जरिए फिल्म को एक अलग ही लेवल पर पहुंचा दिया है। उन्होंने सस्पेंस और इमोशन के बीच बेहतरीन संतुलन बनाते हुए दर्शकों को हर पल कहानी से जोड़े रखा।
कहां देख सकते हैं ये फिल्म
इस बेहतरीन मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर का नाम है “रहस्य”, जो साल 2015 में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी और अब ओटीटी पर उपलब्ध है। इस फिल्म को आप अमेजन प्राइम वीडियो पर बड़ी आसानी से देख सकते हैं। 7.5 IMDb रेटिंग के साथ ये फिल्म आज भी ओटीटी की मस्ट वॉच लिस्ट में शामिल है।
अगर आप क्राइम, सस्पेंस और थ्रिल के शौकीन हैं और अभी तक ये फिल्म नहीं देखी है, तो जरूर देखें। ये 2 घंटे का सफर आपको सोचने पर मजबूर कर देगा और आखिर तक कहानी का सस्पेंस बना रहेगा।
रहस्य सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक अनुभव है – जो खत्म होकर भी ज़हन में रह जाती है।