सीमा विवाद पर विराम: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध खत्म
सीजफायर से मिली राहत, कई देशों की रही भूमिका
पिछले एक सप्ताह से सीमा विवाद को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चले आ रहे तनावपूर्ण हालात आखिरकार अब थमते दिख रहे हैं। दोनों देशों के बीच हुई भीषण बमबारी और सैन्य कार्रवाई के बाद अब सीजफायर की घोषणा हो गई है। इस संघर्ष के शांत होने में अंतरराष्ट्रीय नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
सीजफायर की आधिकारिक पुष्टि
सोमवार को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच आधिकारिक रूप से युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति बनी। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर की जा रही बमबारी को रोक दिया है। इस निर्णय ने क्षेत्र में स्थिरता और शांति की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
मलेशिया के प्रधानमंत्री की भूमिका
इस सीजफायर के पीछे मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की भी अहम भूमिका रही। उन्होंने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने खुद दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से बातचीत की और संघर्ष को समाप्त करने की अपील की। बातचीत सफल रही और दोनों देशों के नेताओं ने युद्धविराम पर सहमति जताई।
अनवर इब्राहिम ने यह भी कहा कि उनका मकसद था कि दक्षिण-पूर्वी एशिया में शांति बनी रहे और किसी भी स्थिति में संघर्ष को और न बढ़ाया जाए। इस पहल को लेकर मलेशिया की भूमिका की सराहना की जा रही है।
दूसरी ओर, अमेरिका की ओर से भी इस युद्धविराम को लेकर दावे किए जा रहे हैं। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संघर्ष को रोकने में पहल की है और दोनों देशों को बातचीत के जरिए समस्या हल करने की सलाह दी है।
अमेरिका की भूमिका पर भी चर्चा
अमेरिका की इस पहल से स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस विवाद को लेकर चिंता थी, और कई देशों ने मिलकर इसे शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करने की कोशिश की।
एक सप्ताह तक चला था संघर्ष
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद अचानक भड़क उठा था, जब सीमावर्ती क्षेत्र को लेकर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं। करीब एक सप्ताह तक दोनों ओर से लगातार बमबारी और गोलीबारी होती रही, जिससे स्थानीय लोगों में भय और दहशत का माहौल बन गया था।
अब शांति की उम्मीद
सीजफायर की इस घोषणा के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश आगे बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाएंगे और सीमा पर स्थायी शांति कायम होगी। हालांकि, आने वाले दिनों में स्थिति पर नजर बनाए रखना बेहद जरूरी होगा, ताकि फिर से संघर्ष की स्थिति पैदा न हो।