सांभल में मस्जिद सर्वे को लेकर तनाव, हिंसा और पुलिस फायरिंग
सांभल, उत्तर प्रदेश: सांभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा और पुलिस फायरिंग हुई। विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने और दंगा कराने का आरोप लगाया। उन्होंने हिंसा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और प्रशासन की विफलता की आलोचना की।
विपक्ष ने आरोप लगाया सांप्रदायिक दंगा उकसाने का
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और सांभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के मुद्दे को लेकर दंगा कराने का आरोप लगाया। लोकसभा में विपक्षी नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में न्याय की मांग की, जबकि अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज करने और उन्हें निलंबित करने की मांग की।
सर्वे और प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल
अखिलेश यादव ने संसद में कहा कि मस्जिद कमेटी और स्थानीय नेताओं ने पहले सर्वे में सहयोग किया था, लेकिन बाद में दूसरा सर्वे आदेश दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सर्कल अधिकारी ने लोगों को गाली दी और जब प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया, तो पुलिस ने गोली चलाई। यादव ने यह भी कहा कि मासूमों की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
विपक्षी नेताओं की आलोचना और प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने संसद में सांभल फायरिंग का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर ओम बिड़ला ने श्रद्धांजलि प्रस्ताव पढ़ने के बाद सदन को स्थगित कर दिया। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने संवेदनशील मामले में जल्दबाजी की और दूसरी पार्टी की राय बिना सुने ही कार्रवाई की।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने यूपी सरकार की पक्षपाती और जल्दीबाजी की आलोचना की और कहा कि बीजेपी का यह हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच दरार पैदा करने का प्रयास राज्य और देश के हित में नहीं है। वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रशासन का यह जल्दीबाजी में लिया गया कदम स्थिति को और बिगाड़ने का कारण बना।