सीरिया में भड़की हिंसा: एक हजार से ज्यादा की मौत, लोग पलायन को मजबूर
सुन्नी बंदूकधारियों का हमला, अलावी समुदाय बना निशाना
शुक्रवार को सीरिया में हिंसा ने भयानक रूप ले लिया जब सरकार समर्थक सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारियों ने असद के अल्पसंख्यक अलावी संप्रदाय के लोगों पर हमला कर दिया। यह हमला हयात तहरीर अल-शाम गुट के लिए बड़ा झटका साबित हुआ, जिसने पूर्व की सरकार को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाई थी। दशकों से अलावी समुदाय असद के समर्थन आधार का प्रमुख हिस्सा रहा है, लेकिन अब वे बदले की हिंसा के शिकार हो रहे हैं।
सीरिया में बढ़ता खूनखराबा, 1000 से अधिक की मौत
सीरिया में दो दिनों तक चले संघर्ष और उसके बाद बदले की कार्रवाई में मरने वालों की संख्या एक हजार से अधिक हो गई है। युद्ध निगरानी समूहों ने इस भयावह आंकड़े की पुष्टि की है।
745 नागरिकों की हत्या, लाशों से पटीं सड़कों की भयावह तस्वीरें
ब्रिटेन स्थित एक मानवाधिकार निगरानी संस्था के अनुसार, अब तक 745 नागरिक मारे जा चुके हैं, जिनमें से अधिकतर को बेहद नजदीक से गोली मारी गई है। इसके अलावा 125 सरकारी सुरक्षा बलों के जवान और असद समर्थित 148 हथियारबंद लड़ाके भी इस हिंसा में मारे गए हैं।
हिंसा से प्रभावित इलाकों में बिजली-पानी संकट
इस हमले के कारण लताकिया शहर और उसके आसपास के कई इलाकों में बिजली और पीने के पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। आम नागरिक पहले ही इस संघर्ष से परेशान थे, और अब बुनियादी जरूरतों की कमी से हालात और बिगड़ गए हैं।
सीरिया छोड़ने को मजबूर लोग, लेबनान की ओर पलायन शुरू
लगातार बढ़ रही हिंसा के चलते सीरिया के कई नागरिक अपनी जान बचाने के लिए लेबनान की ओर पलायन कर रहे हैं। असुरक्षा की भावना और हिंसा का डर लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर रहा है।
नई सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती
गुरुवार को शुरू हुई यह झड़पें सीरिया की नई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। तीन महीने पहले जब असद को सत्ता से हटाया गया था, तब विद्रोही गुटों ने सरकार पर नियंत्रण कर लिया था। अब यह हिंसा सरकार की स्थिति को और कमजोर कर रही है।
सरकार ने ‘व्यक्तिगत कार्रवाइयों’ को ठहराया जिम्मेदार
सीरिया सरकार ने इन हमलों को व्यक्तिगत कार्रवाइयों का परिणाम बताया है। उनका कहना है कि यह हिंसा असद की सेना के बचे हुए गुटों की ओर से किए गए हमलों के जवाब में हुई है।
स्थिति और बिगड़ने की आशंका
सीरिया में हालात लगातार खराब हो रहे हैं, और अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह हिंसा और भयानक रूप ले सकती है। आम नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता की तत्काल जरूरत है, लेकिन हालात सामान्य होने की फिलहाल कोई संभावना नजर नहीं आ रही।