सीरिया में अपनों की तलाश: कब्रों और बॉडी बैग्स में खोई उम्मीदें
सीरिया में जारी संघर्ष और असद शासन के दौरान ग़ायब हुए लोगों के परिवार आज भी अपने प्रियजनों की तलाश में हैं। हाल ही में खालिद अल हमद नामक व्यक्ति ने अपने दो भाइयों के अवशेषों को खोजने की कोशिश की, जो एक दशक पहले असद शासन के दौरान ग़ायब हो गए थे। खालिद ने इस दौरान कब्रों और बॉडी बैग्स को खंगालते हुए इन मानव अवशेषों को निकाला, जो एक तरह से अपनों के लौटने की उम्मीद की आखिरी किरण थे।
खालिद की तलाश और खोई हुई उम्मीदें
खालिद अल हमद के लिए यह सफर अत्यंत दर्दनाक था। वे अपने दो भाइयों, जिहाद और हुसैन, की तलाश में हैं, जिनकी एक दशक पहले असद शासन के तहत गिरफ्तारी हुई थी। खालिद का मानना है कि उनके दोनों भाई भी उन जैसे अन्य लोगों की तरह यहीं किसी कब्र में दफनाए गए होंगे। वे कहते हैं, “कुछ लोगों को ‘ड्राइविंग स्कूल’ नामक स्थान पर ले जाया गया और वहीं उनकी हत्या कर दी गई। मुझे लगता है कि मेरे भाइयों के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। हो सकता है कि वे यहाँ किसी बैग में दफनाए गए हों।”
क़ब्रिस्तान और बॉडी बैग्स की खोज
अद्रा नामक क्षेत्र में एक खामोश सा क़ब्रिस्तान है, जहाँ दो अकेली क़ब्रें हैं, जो घास से ढकी हुई हैं। यह क्षेत्र लंबे समय तक राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के नियंत्रण में रहा था। हालाँकि, असद के पतन के बाद यहाँ कंक्रीट की स्लैब को हटाकर एक उथली क़ब्र की खोज की गई, जिसमें बॉडी बैग्स पाए गए थे। इन बॉडी बैग्स पर नाम और जेल के नंबर लिखे हुए थे। जब खालिद वहाँ पहुंचे, तो उन्होंने तीन बैग्स दिखाए, जिन्हें पहले ही खोला जा चुका था। इन बैग्स में एक इंसानी खोपड़ी और हड्डियाँ थीं, और बैग्स पर यह लिखा था कि वे दो महिला क़ैदियों और एक पुरुष क़ैदी के अवशेष थे।
असद शासन के दौरान ग़ायब हुए लोग
यह स्पष्ट नहीं है कि इन व्यक्तियों की मौत कैसे हुई, लेकिन यह जरूर संकेत करता है कि ये अवशेष असद शासन के दौरान हुई हिंसा और उत्पीड़न के शिकार हुए थे। ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस मामले की जांच की पुष्टि की है और बताया कि ऐसे अवशेषों को अन्य स्थानों पर भी इस तरह के बॉडी बैग्स में फेंका गया था। कई परिवार अब भी अपने ग़ायब रिश्तेदारों की तलाश में हैं, जो असद शासन के दौरान जघन्य अपराधों का शिकार हुए थे।
ग़ायब रिश्तेदारों की तलाश में
असद के पतन ने उन परिवारों में उम्मीद की किरण जगा दी है, जो दशकों से अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी पाने की कोशिश कर रहे थे। खालिद कहते हैं, “अगर आप असद के समय में यहां से गुज़रते, तो आप रुक नहीं सकते थे। गाड़ियाँ तेज़ रफ़्तार से निकल जाती थीं। अगर आप रुकते तो आपको पकड़ लिया जाता।” खालिद और उनके जैसे हज़ारों परिवारों के लिए यह खोज एक जीवन और मृत्यु का सवाल बन चुकी है।
आज भी सीरिया के विभिन्न हिस्सों में ऐसे परिवार अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे हैं, जो असद की कुख्यात जेलों और सैन्य पूछताछ केंद्रों में ग़ायब हो गए थे। इन परिवारों की खोज अब भी जारी है, और सीरिया में ग़ायब हुए लोगों की तलाश एक महत्वपूर्ण और दर्दनाक मिशन बन चुकी है।