हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक लगाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। संघ कार्यकर्ता अब भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करेंगे, खासकर उन सीटों पर जहां पार्टी कमजोर नजर आ रही है। भाजपा नेतृत्व मानता है कि यदि संघ के कार्यकर्ता इन क्षेत्रों में सक्रियता से जुटते हैं, तो चुनावी परिणाम में सकारात्मक बदलाव संभव है। इस दिशा में, आरएसएस ने अपने पारंपरिक तरीके से घर-घर जाकर प्रचार शुरू कर दिया है।
आरएसएस के कार्यकर्ता अब सार्वजनिक स्थलों पर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर चर्चा भी कर रहे हैं, जबकि हरियाणा में मतदान के लिए समय तेजी से नजदीक आ रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी ने अंतिम दिनों में स्टार प्रचारकों और पन्ना प्रमुखों की बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है।
आरएसएस का एक सिद्धांत है “जहां कम, वहां हम,” जिसके तहत वे उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां भाजपा की स्थिति कमजोर है। राज्य में यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, हिसार, सोनीपत और सिरसा जिलों में 23 से अधिक विधानसभा सीटें हैं, जहां कड़ा मुकाबला है। अगर भाजपा इन सीटों पर बढ़त बनाने में सफल होती है, तो तीसरी बार सत्ता में आने का रास्ता आसान हो जाएगा।
भाजपा ने हालिया चुनावी स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व ने सक्रिय रूप से चुनावी रणनीतियों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
आरएसएस की टीमें भाजपा के साथ किसी प्रकार का संबंध नहीं रखती हैं; वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से काम करेंगी। चुनाव से पहले, भाजपा और आरएसएस के बीच उम्मीदवारों के चयन और बूथ प्रबंधन पर चर्चा की गई थी। इस बार, भाजपा ने आरएसएस के सुझावों को ध्यान में रखते हुए 25 से अधिक नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है।