युद्धविराम के लिए रूस की शर्त पर यूक्रेन का पलटवार
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस ने युद्धविराम समझौते के लिए एक अहम शर्त रखी है — डोनेट्स्क के पूरे पूर्वी क्षेत्र से यूक्रेन की सेना हट जाए। जेलेंस्की के मुताबिक, यह मांग रूस की तरफ से सीधे तौर पर बातचीत में रखी गई है।
पुतिन-ट्रंप बैठक से पहले आया बयान
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक बैठक होने वाली है। इस बैठक का मकसद चल रहे युद्ध को खत्म करने के संभावित रास्तों पर चर्चा करना है।
डोनेट्स्क पर यूक्रेन का नियंत्रण
जेलेंस्की के अनुसार, कीव सरकार अभी भी डोनेट्स्क के लगभग 9,000 वर्ग किलोमीटर (करीब 3,500 वर्ग मील) क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए हुए है। यही वह इलाका है जहां फिलहाल सबसे भीषण लड़ाई हो रही है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस क्षेत्र को छोड़ने का मतलब होगा —
- यूक्रेन के संविधान का उल्लंघन।
- भविष्य में रूसी आक्रमण को बढ़ावा देना।
डोनबास छोड़ने से इंकार
जेलेंस्की ने कहा,
“शायद पुतिन चाहते हैं कि हम डोनबास छोड़ दें। लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे। यह हमारा अधिकार और जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र की रक्षा करें। लोग भूल जाते हैं कि इन इलाकों पर अवैध कब्जा है।”
पृष्ठभूमि और महत्व
डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र, जिन्हें मिलाकर डोनबास कहा जाता है, 2014 से ही यूक्रेन और रूस के बीच तनाव का केंद्र रहे हैं। रूस समर्थित अलगाववादियों के कब्जे और 2022 के पूर्ण पैमाने पर हमले के बाद से यहां लगातार संघर्ष जारी है।
रूस की ताजा शर्त इस युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में एक नया विवाद जोड़ सकती है, क्योंकि यूक्रेन की ओर से किसी भी तरह की क्षेत्रीय रियायत को सिरे से खारिज किया गया है।