भारत में डायबिटीज का खतरा बढ़ा, युवाओं को मिल रहे शुरुआती संकेत
चीन के बाद भारत में सबसे अधिक मधुमेह मरीज
डायबिटीज यानी मधुमेह अब भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। चीन के बाद सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज भारत में ही पाए जाते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो 2030 तक भारत में युवाओं के बीच यह बीमारी और तेजी से फैलने वाली है। इसका सबसे बड़ा कारण बदलती जीवनशैली और असंतुलित दिनचर्या को माना जा रहा है।
एक्सपर्ट की राय: लाइफस्टाइल ही है मुख्य कारण
मुंबई के डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. राहुल बक्सी का कहना है कि मधुमेह का सबसे बड़ा कारण आज की बिगड़ती जीवनशैली है। अगर टाइप-1 डायबिटीज को समय रहते कंट्रोल कर लिया जाए, तो टाइप-2 डायबिटीज से भी बचा जा सकता है।
लेकिन लोग शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते, जिससे स्थिति और बिगड़ती जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर हम सिर्फ तीन समय का भोजन समय पर करें, तो भी ब्लड शुगर को काफी हद तक नियंत्रण में रखा जा सकता है।
युवाओं को मिल रहे हैं ये शुरुआती संकेत
डायबिटीज के कई ऐसे लक्षण हैं जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही शुरुआती संकेत हैं जिनसे सावधान रहना जरूरी है:
1. बार-बार प्यास लगना
अगर आप लगातार पानी पी रहे हैं फिर भी प्यास बुझ नहीं रही है, तो यह हाई ब्लड शुगर का संकेत हो सकता है। शरीर इस स्थिति में लिक्विड को तेजी से अवशोषित करने लगता है।
2. बार-बार पेशाब आना
पानी ज्यादा पीने की वजह से पेशाब का आना स्वाभाविक है, लेकिन अगर रात में बार-बार बाथरूम जाना पड़ रहा है, तो यह डायबिटीज का एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
3. अचानक वजन कम होना
बिना डाइट बदले अगर आपका वजन कम हो रहा है, तो यह चिंता का विषय है। इसका कारण शरीर में ग्लूकोज की कमी और फैट का ब्रेकडाउन होना है।
4. लगातार थकान और नींद आना
अगर आपको दिनभर थकावट, सुस्ती या कमजोरी महसूस हो रही है और बार-बार नींद आ रही है, तो यह भी डायबिटीज का संकेत हो सकता है। इसे सिर्फ कॉफी पीकर छुपाना समाधान नहीं है।
5. धुंधली दृष्टि (ब्लर विजन)
हाई ब्लड शुगर का असर आंखों के लेंस पर पड़ता है जिससे विजन ब्लर हो सकता है। यह डायबिटीज का शुरुआती और सामान्य लक्षण है।
जीवनशैली में बदलाव से मिलेगी राहत
डायबिटीज से बचाव संभव है अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और जीवनशैली में जरूरी बदलाव किए जाएं। संतुलित खानपान, नियमित व्यायाम और समय पर खाना खाने की आदत अपनाकर इस बीमारी को रोका जा सकता है। युवाओं को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि इस उम्र में लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना आगे चलकर गंभीर रूप ले सकता है।