सस्ते होंगे होम-ऑटो लोन, RBI दे सकता है बड़ी राहत: रेपो रेट घटने के संकेत
इस साल जून से दिवाली तक तीन मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठकें होने वाली हैं, जिनमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में कटौती कर सकता है। इस बार के फैसले से आम लोगों को होम लोन और ऑटो लोन जैसे कर्जों पर ब्याज दरों में भारी कमी का फायदा मिल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिवाली से पहले रेपो रेट में 0.50% से 0.75% तक की कटौती की संभावना है, जिससे लोन महंगे नहीं रहेंगे और EMI पर बोझ कम होगा।
RBI की आगामी MPC बैठकों में रेपो रेट कटौती की संभावना
RBI की मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 4 से 6 जून तक होने वाली है, जिसमें रेपो रेट में 0.25% तक की कमी की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद अगस्त या सितंबर में होने वाली बैठक में भी 0.25% से 0.50% तक की कटौती की उम्मीद है। इस साल फरवरी से RBI ने लगातार रेपो रेट में कटौती की है, जिससे यह वर्तमान में 6% पर आ चुका है। अगर ये कटौती होती है, तो दिवाली तक यह घटकर लगभग 5.25% हो सकता है।
रेपो रेट घटने से होम और कार लोन होंगे सस्ते
रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है। जब RBI इसे घटाता है, तो बैंक भी अपने कर्जों की ब्याज दरें कम कर देते हैं। इसका सीधा असर आम ग्राहकों के लोन की EMI पर पड़ता है। होम लोन, कार लोन, और अन्य कर्जों की ब्याज दरों में कमी से लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और वे आसानी से कर्ज चुका पाएंगे।
ब्याज दरों में कमी के पीछे कारण
SBI सिक्युरिटीज के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट सनी अग्रवाल के मुताबिक, कई कारक इस कटौती की ओर संकेत दे रहे हैं। देश में मानसून सामान्य रहने की संभावना है, GDP ग्रोथ स्थिर बनी हुई है, और महंगाई नियंत्रण में है। इन सब कारणों से RBI मौद्रिक नीति में ढील दे सकता है ताकि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।
आम जनता के लिए बड़ी राहत
अगर RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो न केवल होम और ऑटो लोन बल्कि व्यक्तिगत लोन और कॉर्पोरेट कर्ज भी सस्ते हो जाएंगे। इससे कर्ज लेने वाले लोगों की वित्तीय मजबूरी कम होगी और वे अपने खर्चों को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे। दिवाली के समय ये कदम आर्थिक रूप से लोगों के लिए उत्सव जैसा साबित होगा।
इसलिए अगर आप घर खरीदने या कार लेने की योजना बना रहे हैं, तो इस साल के अंत तक बेहतर हो सकता है कि आप लोन लेने से पहले RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठकों के फैसले का इंतजार करें। इससे आपको बेहतर ब्याज दर पर लोन मिल सकता है और आपकी EMI भी कम हो सकती है।