पुतिन का बड़ा ऐलान, जेलेंस्की को मॉस्को बुलाया बातचीत के लिए
रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर एक नया मोड़ सामने आया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को शांति वार्ता के लिए मॉस्को आने का न्योता दिया है। पुतिन ने साफ कहा है कि अगर जेलेंस्की सच में बातचीत करना चाहते हैं तो वे मॉस्को आकर सीधे आमने-सामने चर्चा कर सकते हैं।
युद्ध को खत्म करने की पहल
करीब दो साल से जारी युद्ध के बीच पुतिन का यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव और संघर्ष का हल सिर्फ बातचीत से निकल सकता है। अगर जेलेंस्की इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो शांति वार्ता की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच बयान
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और भारत पर 50% टैरिफ विवाद अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में हैं। पुतिन ने इसी बीच जेलेंस्की को संकेत दिया है कि रूस बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह बातचीत मॉस्को में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि युद्ध को खत्म करने का एकमात्र रास्ता आपसी चर्चा ही है।
शांति वार्ता पर सवाल
पुतिन के इस आमंत्रण के बाद अब सबकी नजरें यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पर हैं। सवाल यह है कि क्या जेलेंस्की इस प्रस्ताव को स्वीकार कर मॉस्को जाएंगे या फिर वे किसी तटस्थ देश में बातचीत की शर्त रखेंगे। अब तक यूक्रेन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
अगर बातचीत हुई तो परिणाम क्या होंगे?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर दोनों देशों के बीच यह वार्ता होती है, तो युद्धविराम की संभावना बढ़ सकती है। लाखों लोगों को चल रहे संघर्ष से राहत मिल सकती है और यूरोप की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा भी कम हो सकता है। हालांकि, पुतिन के इस बयान के बावजूद कई चुनौतियां बनी हुई हैं, क्योंकि दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और राजनीतिक मतभेद अब भी गहरे हैं।
निष्कर्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध में यह नया मोड़ आने वाले समय में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पुतिन की पहल से संकेत मिलता है कि रूस बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन अब फैसला जेलेंस्की के हाथ में है। अगर वे मॉस्को जाने का निर्णय लेते हैं, तो यह कदम युद्ध को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हो सकता है।