कानपुर में छोटे बेटे के पॉक्सो मामले में जेल जाने के सदमे ने पिता जगन्नाथ (75) को पुलिस फोबिया का शिकार बना दिया। जब भी वह पुलिस का नाम सुनते, वह कभी बेड के नीचे तो कभी दीवार के पीछे छिप जाते थे। सोमवार को वह अपने घर की पहली मंजिल की छत पर पहुंचे और चिल्लाने लगे कि “पुलिस आकर ले जाएगी।” यह कहते हुए उन्होंने अचानक छत से कूदने का फैसला किया।
इस प्रयास में उनके बड़े बेटे गगन ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वह भी गिर गए। इस घटना में पिता की मौत हो गई, जबकि गगन घायल हो गए हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह दुखद घटना चकेरी थाना क्षेत्र के गांधीग्राम में हुई। जगन्नाथ अपनी पत्नी और दो बेटों, गगन और राजा के साथ रहते थे।
जगन्नाथ के दामाद मनोज के अनुसार, वह 20 साल पहले बल्ब की फैक्टरी में काम करते थे, जिससे उनकी आंखों की रोशनी कमजोर हो गई थी। दो महीने पहले, उनके बेटे राजा को एक लड़की ने पॉक्सो और अन्य धाराओं में जेल भेज दिया था। इस घटना के बाद से जगन्नाथ की मानसिक स्थिति और बिगड़ गई। बेटे की गिरफ्तारी ने उन पर इतना असर डाला कि वह अचानक पुलिस का नाम सुनते ही डरने लगे। परिवार के लोग उनकी मानसिक स्थिति को देखते हुए उन पर नजर रखते थे।
मनोज के अनुसार, सोमवार सुबह करीब सात बजे जगन्नाथ पहली मंजिल की छत पर पहुंच गए। वहां खड़े होकर चिल्लाने लगे कि पुलिस उन्हें ले जाएगी। उनकी आवाज सुनकर बड़ा बेटा गगन वहां पहुंचा, लेकिन तभी जगन्नाथ ने कूदने का निर्णय लिया। गगन ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह भी गिर गया।
परिवार के अन्य सदस्यों ने उनकी चीख सुनी और दोनों को तुरंत कांशीराम अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने जगन्नाथ को मृत घोषित कर दिया। गगन के दोनों पैर टूट गए हैं और उनका इलाज जारी है। चकेरी थाना प्रभारी अशोक दुबे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
परिजनों का आरोप है कि राजा दोस्तों के साथ एक किशोरी के घर गया था और घर के बाहर खड़ा होकर दोस्तों से बात कर रहा था। इस दौरान कुछ दोस्त अंदर गए, लेकिन क्या हुआ यह नहीं पता। पुलिस ने सूचना मिलने पर राजा को गिरफ्तार कर लिया, जबकि वह अपनी निर्दोषिता का दावा करता रहा, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी।