पॉडकास्ट में PM मोदी का बड़ा संदेश
भारत की भूमिका पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया पॉडकास्ट में दुनिया को महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने युद्ध, व्यापार और वैश्विक विवादों से जुड़े मुद्दों पर भारत की अहम भूमिका को रेखांकित किया। पीएम ने अमेरिका और चीन के साथ मजबूत संबंधों पर बात की, वहीं पाकिस्तान को शांति का मार्ग अपनाने की सलाह दी।
अमेरिका से दोस्ती, व्यापार में समझौते के संकेत
पीएम मोदी ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संधि की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने हितों की रक्षा करेगा और अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए काम करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच व्यापार को संतुलित करने के लिए टैरिफ को लेकर बातचीत हो रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर शांति का संदेश
युद्ध के प्रभावों पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विस्तारवाद की जगह विकासवाद को अपनाना चाहिए। उन्होंने रूस और यूक्रेन दोनों को आपसी बातचीत से समाधान निकालने की सलाह दी। उनका कहना था कि युद्ध किसी भी देश के लिए फायदेमंद नहीं होता और बातचीत से ही स्थायी समाधान संभव है।
चीन के साथ मतभेद, विवाद में न बदलें
सीमा विवाद पर बोलते हुए पीएम ने स्पष्ट किया कि 2020 की घटनाओं के बाद दोनों देशों के बीच कुछ दूरियां बढ़ीं, लेकिन अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने चीन के साथ संबंधों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत बताया और कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि मतभेद विवाद का रूप न लें।
पाकिस्तान को शांति का संदेश
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि आतंकवाद का केंद्र बनना न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए समस्या है। उन्होंने कहा कि भारत ने शांति के लिए कई प्रयास किए, लेकिन हर बार जवाब शत्रुता से मिला। इसके बावजूद उन्होंने पाकिस्तानी जनता की अमनपसंदगी पर भरोसा जताया और वहां की सरकार को आतंक के बजाय शांति का रास्ता चुनने की सलाह दी।
आलोचना लोकतंत्र की आत्मा, मगर आरोप अलग चीज
देश में बढ़ती राजनीतिक बयानबाजी पर पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, लेकिन आरोप लगाने और आलोचना में अंतर समझना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब आलोचना किसी एजेंडे के तहत होती है, तो सच को नकार दिया जाता है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
जीवन के संस्कार और संघ का योगदान
पीएम मोदी ने अपने जीवन मूल्यों पर बात करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपने जुड़ाव को याद किया। उन्होंने कहा कि संघ को समझना आसान नहीं है, लेकिन यह जीवन के उद्देश्य को सही दिशा देने में मदद करता है। संघ ने उन्हें राष्ट्रसेवा और अनुशासन का पाठ पढ़ाया, जिससे उनका व्यक्तित्व मजबूत हुआ।
प्रधानमंत्री का यह पॉडकास्ट न सिर्फ देश बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है।