भारत के फैसले से परेशान पाकिस्तान, चीन ने मोहमंद डैम का काम तेज किया
भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद के बीच पाकिस्तान को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। भारत के सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के बाद पाकिस्तान की जल सुरक्षा पर संकट मंडरा रहा है। इसी बीच चीन ने पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में मोहमंद डैम के निर्माण की रफ्तार बढ़ा दी है। यह डैम चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत बनाया जा रहा है, जो चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भारत का सिंधु जल समझौते पर असर
भारत सरकार ने 1960 में हुए सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया, जिसके बाद पाकिस्तान को मिलने वाले जल स्रोतों पर भारत ने नियंत्रण बढ़ा दिया। इस कदम से पाकिस्तान की खेती, पीने के पानी और बिजली उत्पादन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि ये सभी जल स्रोत सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों पर निर्भर हैं। पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है और जल संकट गहरा गया है।
चीन का समर्थन और मोहमंद डैम का महत्व
पाकिस्तान को चीन का सहयोग मिला है जिसने मोहमंद डैम के निर्माण को तेज कर दिया है। यह डैम स्वात नदी पर बनाया जा रहा है, जो अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वतों से निकलती है और वर्षभर बहती रहती है। मोहमंद डैम का उद्देश्य बिजली उत्पादन, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण है। पूरा होने पर यह 800 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगा और रोजाना 30 करोड़ गैलन पानी पेशावर क्षेत्र को सप्लाई करेगा। साथ ही यह हजारों एकड़ खेती योग्य जमीन को सिंचाई के लिए पानी देगा और निचले इलाकों को बाढ़ से बचाएगा।
निर्माण की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना
चीन की सरकारी कंपनी चाइना एनर्जी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन ने 2019 में डैम का निर्माण शुरू किया था और अब इसमें कंक्रीट भरने का काम भी शुरू हो चुका है। इस परियोजना को पाकिस्तान का नेशनल प्रोजेक्ट माना जा रहा है। डैम की ऊंचाई करीब 213 मीटर होगी, जो इसे दुनिया के पांचवें सबसे ऊंचे डैमों में शामिल करेगा। रिपोर्टों के अनुसार, डैम का निर्माण कार्य 2027 तक पूरा होने की संभावना है। फिलहाल पावर और सिंचाई टनल की खुदाई, स्पिलवे का निर्माण और अपस्ट्रीम कॉफरडैम पर तेजी से काम चल रहा है।
अन्य जल परियोजनाओं में भी चीन का योगदान
चीन पाकिस्तान की जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए डायमर-भाषा डैम के निर्माण में भी मदद कर रहा है। यह डैम भी सिंधु नदी पर बन रहा है और खैबर-पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्रों में स्थित है। दोनों डैम पाकिस्तान के लिए जल सुरक्षा और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
निष्कर्ष
भारत के सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के बाद पाकिस्तान को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। चीन ने पाकिस्तान की मदद के लिए मोहमंद डैम निर्माण की गति तेज कर दी है, जिससे पाकिस्तान अपनी जल और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। यह परियोजना पाकिस्तान के लिए रणनीतिक और आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है और आने वाले वर्षों में इसकी पूरी होने की उम्मीद है।