ऑपरेशन महादेव में बड़ी सफलता, पहलगाम हमले के तीन आतंकी ढेर
सुरक्षा बलों का सटीक ऑपरेशन, लश्कर कमांडर मूसा समेत तीन आतंकवादी मारे गए
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पहलगाम हमले से जुड़े आतंकियों को ढेर करने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। इन आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर मूसा भी शामिल था। इस मुठभेड़ में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त कार्रवाई की।
दाचीगाम के लिडवास इलाके में मुठभेड़
यह मुठभेड़ श्रीनगर के दाचीगाम क्षेत्र के लिडवास जंगलों में हुई। खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया था। जैसे ही जवान इलाके में दाखिल हुए, छिपे हुए आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया और कुछ ही घंटों की मुठभेड़ में तीनों आतंकवादी ढेर हो गए।
ड्रोन से देखे गए आतंकियों के शव
सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन के बाद इलाके में ड्रोन से सर्च किया, जिसमें तीनों आतंकियों के शव दिखाई दिए। हालांकि, शवों की आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। सुरक्षाबलों का कहना है कि एनकाउंटर खत्म होने के बाद पूरे क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया ताकि किसी और आतंकी की मौजूदगी न रह जाए।
NIA की जांच और पहले की कार्रवाइयाँ
पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुए हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जा रही है। जांच में जिन तीन आतंकियों के स्केच और कोडनेम सामने आए थे, उनके नाम मूसा, यूनुस और आसिफ थे। ये वही आतंकी माने जा रहे हैं, जो अब ऑपरेशन महादेव में मारे गए हैं।
इससे पहले 7 मई 2025 को भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में लश्कर और जैश के कई ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें 9 आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया गया था।
सेना, पुलिस और CRPF की संयुक्त कार्रवाई
ऑपरेशन महादेव की सफलता सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के तालमेल की मिसाल बन गई है। सेना की चिनार कोर ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की है और बताया कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम है।
खुफिया इनपुट बना ऑपरेशन की नींव
ऑपरेशन की शुरुआत खुफिया एजेंसियों से मिले सटीक इनपुट से हुई थी। सूचना के अनुसार, मुलनार क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों के संकेत मिले थे, जिसके बाद विशेष बलों को भेजा गया और रणनीतिक तरीके से इलाके को घेर कर मुठभेड़ को अंजाम दिया गया।