प्याज की बंपर फसल से गिरी कीमतें, किसानों की चिंता बढ़ी
प्याज की खेती में बड़ा इजाफा
- इस साल प्याज की खेती का क्षेत्र 25% बढ़ा, जिससे बंपर उत्पादन की उम्मीद है।
- अधिक आपूर्ति के कारण मंडियों में प्याज के दाम तेजी से गिरकर 15-20 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं।
- खुदरा बाजार में प्याज अभी भी 30-40 रुपये किलो बिक रहा है, लेकिन कीमतें और गिर सकती हैं।
- किसान और व्यापारी निर्यात शुल्क हटाने की मांग कर रहे हैं ताकि उत्पादन के साथ निर्यात भी बढ़े।
- महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है, जिससे बाजार में उपलब्धता बढ़ रही है।
इस साल प्याज की खेती का रकबा पिछले साल की तुलना में लगभग 25% ज्यादा है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है, जिससे बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ रही है।
निर्यात शुल्क हटाने की मांग
किसानों और व्यापारियों का मानना है कि सरकार को प्याज के निर्यात पर लगे 20% शुल्क को हटाना चाहिए। निर्यात कम होने की वजह से कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है। तीन महीने पहले 50-60 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज अब मंडियों में 15-20 रुपये प्रति किलो पर आ चुका है।
आगे और गिर सकती हैं कीमतें
अगर सरकार ने वैकल्पिक उपाय नहीं किए, तो प्याज की कीमतें और नीचे जा सकती हैं। हालांकि, खुदरा बाजार में अभी भी प्याज 30-40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल प्याज की बुआई 11.37 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जिससे आने वाले दिनों में फसल की आवक और बढ़ेगी।