केशवाही वन परिक्षेत्र के सेजहा टोला में सड़क किनारे बाघ नजर आया था वही एक बार फिर केशवाही वनपरिक्षेत्र के ग्राम बिल पटौरा गाँव के समीप जंगल में तेंदुए ने एक बकरी के ऊपर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया । इसके अलावा जैसिंहनगर वनपरिक्षेत्र के आमडीह- छूदा मार्ग में सड़क के बगल में एक तेंदुआ बैठे हुए नजर आया । वहाँ से गुजर रहे किसी राहगीर ने सड़क किनारे बैठे तेंदुए का वीडियो बना लिया ,जो अब शोसल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है । इस प्रकार जिले के अलग अलग वन परिक्षेत्रों लगे हुए गाँवों के पास इन जंगली जानवरों से वहाँ रहने वाले ग्रामीण काफी भयभीत हैं ।
जानकारी के अनुसार केशवाही वनपरिक्षेत्र के ग्राम बिल पटौरा गाँव से सटे जंगल में जिस स्थान पर तेंदुए ने बकरी पर हमला कर उसे किल किया है ,वन विभाग के अनुसार वह तेंदुए का स्थाई क्षेत्र है । वहाँ अक्सर तेंदुए का मूवमेंट बना रहता है । इसलिए वन विभाग द्वारा उक्त स्थान पर कैमरा ट्रैप लगाया गया था । जब बकरी पर हमला हुआ तो पहले क्षेत्र में यह बात फैली की बाघ ने बकरी का शिकार किया होगा लेकिन वन अमले के कैमरा ट्रेपिंग से स्पष्ट हुआ कि वह बाघ नहीं बल्कि तेंदुआ है । उसकी तस्वीर भी सामने आई है ।
इस सम्बन्ध में केशवाही वन परिक्षेत्राधिकारी अंकुर तिवारी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि उक्त स्थान पर वन अमलें द्वारा कैमरा ट्रैप कराया गया था ,जिसमे तेंदुआ नजर आ रहा है । हालाकि पहले ही यह बात साफ़ थी कि बाघ बकरी या अन्य इससे छोटे जानवर का शिकार नहीं करता है ,बल्कि वह सांभर ,हिरण अथवा चीतल जैसे बड़े जानवर का शिकार कर उन्हें खा जाता है । जबकि इसके विपरीत तेंदुआ बकरी जैसे छोटे जानवरों के ऊपर हमला कर उन्हें मारकर चला जाता है । वन परिक्षेत्राधिकारी श्री तिवारी ने बताया कि केशवाही एवं बिजुरी रेंज की सीमा जुडी हुई है ,इसलिए ऐसा अनुमान है कि बीते दिनों जो बाघ नजर आया था वह अब बिजुरी रेंज के भेडरी तलैय्या के आसपास अपना सुरक्षित स्थान बनाने में लगा हुआ है ।
वन विभाग की अपील
वनपरिक्षेत्राधिकारी केशवाही अंकुर तिवारी ने एक बार फिर जंगल के आसपास के गाँव में रहने वालो ग्रामीणों से अपील की है कि लोग जंगल में लकडिया लेने अथवा मवेशियों को चराने न जाए ,क्योंकी जंगली जानवरों के मूवमेंट से जनहानि की आशंका बनी रहती है ।और उक्त क्षेत्र तेंदुए के स्थाई मूवमेंट वाला एरिया है । उन्होंने अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण घर के आसपास की झाड़ियों को ही उखाडकर उसे सुखा लें और उसका उपयोग चूल्हे में करें । अपने मवेशी को भी जंगल चराने न लेकर जाएं ।