जब भी सभी अखाड़ों की बैठक होगी, इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।आचार्य कैलाशानंद गिरि महाराज प्रयागराज के घूरपुर स्थित एक चेरिटेबल अस्पताल के उद्घाटन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसके बाद वे वाराणसी के लिए रवाना हो गये ।
क्या ‘शाही’ शब्द बदला जाएगा?
महाकुंभ के शाही स्नान के बारे में बात करते हुए आचार्य कैलाशानंद गिरि ने कहा कि ‘शाही’ शब्द का उपयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है। इसे बदलने का निर्णय तभी लिया जाएगा जब सभी अखाड़े के साधु-संत इस पर सहमत होंगे, वरना इसकी जरूरत नहीं है।
महाकुंभ क्यों होगा दिव्य और सफल
विशेष बातचीत में आचार्य कैलाशानंद गिरि ने बताया कि इस साल गंगा मां ने संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर को फिर से नहलाया है, जिससे महाकुंभ का आयोजन और भी दिव्य और सफल होगा। उन्होंने अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत नरेंद्र गिरी महाराज को याद करते हुए कहा कि इस बार उनके बिना महाकुंभ में उनकी बहुत कमी महसूस होगी। नरेंद्र गिरी महाराज ने 2013 और 2019 के कुंभ मेलों का सफल आयोजन किया था, जिसमें किसी को कोई समस्या नहीं हुई थी।