सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: निठारी कांड में सुरेंद्र कोली को किया गया बरी
खुद की पैरवी करने वाले सुरेंद्र कोली को मिला न्याय
2006 से जेल में बंद निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। अदालत ने बुधवार को उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया। खास बात यह है कि कोली ने इस लंबे मुकदमे के दौरान खुद ही अपनी पैरवी की थी। वह लगातार सीबीआई की जांच पर सवाल उठाता रहा और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने उसकी दलीलों को स्वीकार कर लिया।
सीबीआई को झटका, दलीलें खारिज
सीबीआई ने सुरेंद्र कोली को इस जघन्य मामले का दोषी बताया था और उसकी सजा को कायम रखने की अपील की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उन सभी दलीलों को खारिज कर दिया, जिनमें कोली को मुख्य आरोपी बताया गया था। अदालत ने यह भी कहा कि जांच में उठाए गए सवालों के ठोस जवाब नहीं दिए जा सके।
हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा
यह मामला पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चर्चा में रहा था। अक्टूबर 2023 में हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में और मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में बरी कर दिया था। तब कोर्ट ने गाजियाबाद CBI कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें दोनों को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए, CBI की अपील को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस विनोद चंद्रन शामिल थे, ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
अब हमेशा के लिए बंद हो सकता है निठारी कांड का चैप्टर
माना जा रहा है कि इस फैसले के साथ ही निठारी कांड से जुड़ा कानूनी अध्याय अब हमेशा के लिए बंद हो सकता है। इससे पहले मोनिंदर सिंह पंढेर को हाईकोर्ट के फैसले के बाद रिहा किया जा चुका है। लेकिन सुरेंद्र कोली जेल में ही था क्योंकि CBI ने उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोली को भी जेल से रिहा किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ी बात यह रही कि कोली ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई अकेले लड़ी और अंततः न्याय प्राप्त किया।
निष्कर्ष
निठारी कांड, जो देश को हिला देने वाले अपराधों में गिना जाता है, उसमें एक नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद न्याय प्रणाली, जांच एजेंसियों और कानूनी प्रक्रिया पर कई सवाल उठे हैं। साथ ही, यह मामला अब एक उदाहरण भी बन गया है कि अगर किसी को खुद पर भरोसा हो और सच साथ हो, तो न्याय जरूर मिलता है।