महसी तहसील क्षेत्र के 55 से अधिक गांवों और आसपास की तहसीलों में भेड़ियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। वन विभाग, जो अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है, भेड़ियों की सही लोकेशन ट्रेस करने में नाकाम साबित हो रहा है और उनकी गिरफ्तारी के लिए असमर्थ है। इसी बीच, वन्यजीवों के हमले भी थमने का नाम नहीं ले रहे, जिससे ग्रामीणों में दहशत चरम पर पहुंच गई है। 10 सितंबर को मादा भेड़िया की गिरफ्तारी के बाद हुए आठ हमलों को वन विभाग भेड़ियों का हमला मानने से इंकार कर रहा है, जबकि ग्रामीण इसे भेड़ियों के हमले के रूप में देख रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को भेड़िया प्रभावित गांवों का दौरा करने वाले हैं।
वन विभाग ने 10 सितंबर को सिसैया चूड़ामणि गांव के हरबक्शपुरवा से एक मादा भेड़िया को पकड़ा था, जिसके बाद हमलों की बाढ़ आ गई। मात्र 40 घंटे के भीतर आठ अलग-अलग स्थानों पर भेड़ियों के हमले हुए, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। बावजूद इसके, वन विभाग ने इन हमलों को भेड़िया के हमले के रूप में मानने से इनकार कर दिया। दहशत के बीच बीती पांच रातों में केवल गुरुवार का दिन ऐसा था जब कहीं भी कोई हमला नहीं हुआ।
महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िया की दहशत इतनी बढ़ गई है कि बच्चों को स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। वहीं, गांव से बाहर कमाने गए लोग भी अपने परिवार की सुरक्षा के लिए गांव में लौट आए हैं और पहरा देने को मजबूर हैं। मुंबई, सूरत, दिल्ली जैसे शहरों में काम करने वाले कई ग्रामीण अब घर पर ही फंसे हुए हैं, जिससे उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।