BPSC Protest के समर्थन में नेहा सिंह राठौर, चिराग पासवान पर साधा निशाना
BPSC (70वीं बीपीएससी) की पीटी परीक्षा में छात्रों द्वारा अनियमितता के आरोपों के बाद से पटना में चल रहा धरना प्रदर्शन तेज़ी से बढ़ रहा है। प्रदर्शनकारी छात्र अपनी मांगों के लिए कई दिनों से सड़कों पर हैं, और इस दौरान उन्हें कई बार पुलिस की लाठी का सामना भी करना पड़ा है। अब इस आंदोलन को लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का समर्थन प्राप्त हो गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर अपना वीडियो साझा करते हुए न केवल छात्रों के संघर्ष को समर्थन दिया, बल्कि बिहार के युवा नेता चिराग पासवान पर भी तंज कसा।
नेहा सिंह का चिराग पासवान पर हमला
नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए बिहार के “यूथ आइकॉन” पर कड़ा हमला किया। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर चिराग पासवान का नाम नहीं लिया, लेकिन वीडियो में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो नेता बिहार की अस्मिता और युवाओं के मुद्दों पर बयानबाजी करते थे, वे अब कहां हैं जब बिहार का युवा रोजगार के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहा है और लाठी खा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि “किस सरकार की दलाली में व्यस्त हैं ये लोग?” और साथ ही यह भी पूछा कि अब युवा बिहार के नेता चिराग पासवान कहां हैं?
बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए
नेहा सिंह ने वीडियो में यह भी कहा कि बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उनकी आवाज़ को नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन आज जब छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ है, तो इन मुद्दों पर किसी का मुँह क्यों नहीं खुल रहा है? उन्होंने यह भी कहा, “यह काम बहुत गलत हुआ है। बच्चों पर हाथ नहीं उठाना चाहिए।” नेहा ने यह भी पूछा कि क्या चिराग पासवान जैसे नेता इन सवालों का जवाब देंगे, जिन्होंने पहले बिहार की पहचान और युवा मुद्दों पर काफी बयान दिए थे।
छात्रों का प्रदर्शन और आयोग की कार्रवाई
पटना में चल रहा बीपीएससी अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन अब भी जारी है। छात्रों ने 70वीं बीपीएससी की पीटी परीक्षा में कई अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं और उनकी मांग है कि सभी परीक्षा केंद्रों की परीक्षा को रद्द किया जाए। आयोग ने एक सेंटर की परीक्षा को रद्द कर दिया है, जहां अब 4 जनवरी को पुनः परीक्षा आयोजित की जाएगी। छात्रों का कहना है कि केवल एक सेंटर की परीक्षा रद्द करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि सभी सेंटरों की परीक्षा को रद्द किया जाए, ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके।