NDA ने क्यों चुना सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार?
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन का नाम घोषित कर सभी को चौंका दिया। लंबे समय से इस पद को लेकर अलग-अलग नाम चर्चा में थे, लेकिन अंतिम समय में एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और अनुभवी राजनेता राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया। वे इससे पहले झारखंड, तेलंगाना और पुदुचेरी के राज्यपाल रह चुके हैं और भारतीय राजनीति में उनका गहरा अनुभव माना जाता है। आइए समझते हैं कि आखिर किन वजहों से एनडीए ने उन्हें यह अहम जिम्मेदारी देने का फैसला किया।
संघ से गहरा जुड़ाव
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। महज 16 वर्ष की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे। किशोरावस्था से ही राजनीति में सक्रिय रहकर उन्होंने भारतीय जनसंघ और बाद में बीजेपी के साथ अपना सफर तय किया। यही संगठनात्मक पृष्ठभूमि और विचारधारा से निकटता उनके चयन की बड़ी वजह मानी जा रही है।
मजबूत राजनीतिक और सामाजिक छवि
राधाकृष्णन की पहचान एक सहज और सभी दलों के नेताओं से अच्छे संबंध रखने वाले नेता की है। समाज के विभिन्न वर्गों में उनकी छवि साफ-सुथरी और भरोसेमंद मानी जाती है। यही कारण है कि वे राजनीतिक दृष्टि से सर्वमान्य उम्मीदवार साबित हो सकते हैं।
लंबा प्रशासनिक अनुभव
राधाकृष्णन ने कई अहम पदों पर काम किया है। 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष रहे। इस दौरान उनकी 93 दिनों की रथयात्रा काफी चर्चित हुई। उन्होंने राज्य के लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर आतंकवाद विरोधी अभियान, नदियों को जोड़ने की योजना और अस्पृश्यता उन्मूलन जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाई। साथ ही, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रहते हुए उनका प्रशासनिक अनुभव और मजबूत हुआ।
दक्षिण भारत में बीजेपी का विस्तार
बीजेपी लंबे समय से दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुटी है। तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और ऐसे समय में राधाकृष्णन का नाम घोषित करना रणनीतिक कदम माना जा रहा है। वे पहले भी कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं और द्रविड़-प्रधान राजनीति वाले राज्य में जीत का उदाहरण पेश कर चुके हैं।
रणनीतिक संतुलन और राजनीतिक संदेश
एनडीए का यह फैसला केवल राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि संगठनात्मक संतुलन साधने का भी प्रयास है। दक्षिण भारत में पार्टी के लिए आधार मजबूत करने के साथ-साथ राधाकृष्णन की स्वच्छ छवि और अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है।
👉 कुल मिलाकर, सीपी राधाकृष्णन का चयन एनडीए की रणनीतिक सोच और राजनीतिक संतुलन का हिस्सा है। उनका संघ से जुड़ाव, लंबा प्रशासनिक अनुभव, दक्षिण भारत में मजबूत पकड़ और सर्वमान्य छवि उन्हें उपराष्ट्रपति पद का सबसे मजबूत दावेदार साबित करती है।