देशव्यापी आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश के छह राज्यों में एक बड़े आतंकी नेटवर्क का खुलासा किया है। यह नेटवर्क विदेशों से फंडिंग प्राप्त कर देश में स्लीपर सेल बनाने और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा के जरिए आतंकी गतिविधियों की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा था। एजेंसी ने तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार और जम्मू-कश्मीर में एक साथ 22 स्थानों पर छापेमारी की है।
22 ठिकानों पर एक साथ छापेजांच
एजेंसी की यह कार्रवाई इस नेटवर्क के फैलाव और इसकी गंभीरता को दिखाती है। जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक नौ स्थानों पर और बिहार में आठ ठिकानों पर छापे मारे गए। वहीं उत्तरप्रदेश में दो, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में एक-एक स्थान शामिल रहा। हालांकि जांच अभी शुरुआती चरण में है, इसलिए अधिकारियों ने ज्यादा जानकारी साझा करने से परहेज किया है।
विदेश से हो रही थी फंडिंगसूत्रों के अनुसार, यह नेटवर्क विदेशों से मिल रहे पैसों के सहारे भारत में आतंकी ढांचा खड़ा कर रहा था। इस फंडिंग के जरिए युवाओं को गुमराह कर उन्हें स्लीपर सेल का हिस्सा बनाया जा रहा था। इन सेल्स को जरूरत पड़ने पर सक्रिय करने की योजना थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी।युवाओं को गुमराह करने की साजिशइस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य सिर्फ हमले करना नहीं था, बल्कि देश में अस्थिरता और अराजकता का माहौल तैयार करना भी था।
कट्टरपंथी विचारधारा फैलाकर युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा था ताकि वे भविष्य में आतंकी गतिविधियों का हिस्सा बन सकें। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस नेटवर्क की साजिशें आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती थीं।पीएफआई और पुराने संगठनों से संबंधसुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस नए नेटवर्क में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं। पीएफआई पर 2022 में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के चलते प्रतिबंध लगाया गया था। इससे पहले इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) जैसे संगठनों के सदस्यों ने भी ऐसे ही नेटवर्क बनाए थे।
प्रतिबंध के बाद इन संगठनों के लोग नए नामों और संरचनाओं के तहत फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं।जांच का अगला चरणएनआईए की मौजूदा कार्रवाई का उद्देश्य इस नेटवर्क की फंडिंग करने वालों, युवाओं को गुमराह करने वालों और उन्हें ट्रेनिंग देने वाले लोगों की पहचान करना है। अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के बाद कई अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर आगे की जांच तेज की जाएगी।—👉 यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि आतंकी संगठन लगातार नए तरीकों से देश की सुरक्षा को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय रहकर इन साजिशों को नाकाम करने में जुटी हैं।—क्या आप चाहेंगे कि मैं इसे 500 शब्दों तक बढ़ाकर और विस्तार से, घटनाओं के क्रम, पृष्ठभूमि और संभावित प्रभाव भी जोड़ दूँ?