काल बना ‘नागास्त्र-1R’: दुश्मनों पर आफ़त बनकर टूटेगा भारतीय सेना का नया ड्रोन
भारतीय सेना को मिला नया हथियार
भारतीय सेना ने हाल ही में 450 नागास्त्र-1R ड्रोन का ऑर्डर सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) को दिया है। यह ड्रोन DRDO द्वारा विकसित किया गया है और मेक इन इंडिया अभियान के तहत तैयार हुआ है। इसकी खास बात ये है कि यह दुश्मन को खोजकर खुद को उसके ऊपर गिराकर नष्ट कर देता है – यानी ये एक सुसाइड ड्रोन है जो दुश्मन के लिए काल बन जाता है।
दुश्मन को खत्म कर खुद भी नष्ट हो जाता है
नागास्त्र-1R का काम करने का तरीका दूसरे ड्रोन से बिल्कुल अलग है। यह कामिकेज मोड में ऑपरेट करता है, यानी ये अपने टारगेट पर सीधा हमला करता है और टारगेट के साथ-साथ खुद को भी खत्म कर देता है। इसमें GPS सिस्टम लगा होता है, जिससे यह अपने लक्ष्य की सटीक जानकारी प्राप्त करता है और उस पर वार करता है।
दुश्मन की सीमा में घुसकर करेगा अटैक
यह ड्रोन सीमा पार आतंकियों के लॉन्च पैड्स या ट्रेनिंग कैंप्स को निशाना बनाने में बेहद कारगर साबित हो सकता है। यह बिना किसी सैनिक को खतरे में डाले दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करने में सक्षम है। लद्दाख और झांसी के पास बबीना सहित कई क्षेत्रों में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है।
नागास्त्र-1R की खास विशेषताएँ
- उच्च उड़ान क्षमता: यह ड्रोन 4500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है, जिससे इसे रडार से पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
- लोइटरिंग सिस्टम: यह 60 मिनट तक लक्ष्य के ऊपर मंडरा सकता है, जिससे हमला करने का सही समय चुनने में मदद मिलती है।
- 360 डिग्री गिम्बल कैमरा: इसमें थर्मल विजन के साथ हाई-क्वालिटी कैमरा लगाया गया है, जिससे रात में भी ऑपरेशन संभव है।
- पुनः प्रयोग की सुविधा: अगर मिशन रद्द करना हो या लक्ष्य न मिले तो इसे पैराशूट के ज़रिए सुरक्षित उतारा जा सकता है और दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
- कम आवाज़ वाला इलेक्ट्रिक इंजन: इसका विशेष इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम इसे बेहद शांत बनाता है। 200 मीटर से ऊपर इसकी आवाज़ सुनना लगभग असंभव है।
- वॉरहेड कैपेसिटी: यह ड्रोन करीब 1 किलोग्राम का विस्फोटक साथ ले जा सकता है, जिससे यह टारगेट को पूरी तरह तबाह कर सकता है।
- हल्का वजन: लगभग 9 किलोग्राम वजनी यह ड्रोन भारतीय सेना की जमीनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
भारत की रणनीतिक ताकत को मिलेगा फायदा
‘नागास्त्र’ का जुड़ना भारतीय सेना के लिए एक गेमचेंजर साबित होगा। यह तकनीक भारत को सीमापार आतंकवाद के खिलाफ बड़ी बढ़त दिला सकती है। भविष्य के युद्धों में ऐसे स्मार्ट और आत्मघाती ड्रोन की भूमिका निर्णायक होगी।