पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात: आर्थिक संबंध से लेकर आतंकवाद तक हुई चर्चा
चीन के तियानजिन शहर में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात सुर्खियों में रही। इस द्विपक्षीय बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसमें आर्थिक संबंध, आतंकवाद, सीधी उड़ानें और अंतरराष्ट्रीय टैरिफ प्रमुख रहे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस मुलाकात के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
आर्थिक संबंध और अंतरराष्ट्रीय व्यापार
विदेश सचिव ने बताया कि बैठक में दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर चर्चा की। अमेरिका द्वारा लगाए गए ट्रंप टैरिफ का मुद्दा भी इसमें शामिल था। भारत और चीन दोनों इस बात पर सहमत दिखे कि वैश्विक स्तर पर संतुलित और न्यायसंगत व्यापार संबंध बनाए रखना आवश्यक है।
आतंकवाद पर कड़ा रुख
प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर बढ़ते आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए चीन से सहयोग मांगा। इस पर शी जिनपिंग ने भरोसा दिलाया कि चीन हर मोर्चे पर भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए।
सीधी उड़ानों पर बनी सहमति
बैठक में एक बड़ा निर्णय यह भी हुआ कि भारत और चीन के बीच जल्द ही सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और मजबूती मिलेगी।
ब्रिक्स सम्मेलन का निमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 2026 में भारत में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने का आमंत्रण दिया। शी जिनपिंग ने इस निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि चीन भारत की अध्यक्षता का पूरा समर्थन करेगा।
मतभेद नहीं, सहयोग की राह
विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी दोनों का मानना है कि भारत और चीन के बीच मौजूद मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया गया ताकि संबंधों का विकास निरंतर और सुचारू तरीके से हो सके।