पीएम मोदी और मैक्रों की फोन वार्ता: यूक्रेन युद्ध पर शांति की कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच हाल ही में फोन पर अहम बातचीत हुई। इस चर्चा में यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में जारी संघर्षों को समाप्त करने के रास्तों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। दोनों नेताओं की इस वार्ता को अंतरराष्ट्रीय राजनीति के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पीएम मोदी ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत की जानकारी एक्स प्लेटफॉर्म पर साझा की। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति मैक्रों के साथ हुई चर्चा बेहद सकारात्मक रही। दोनों नेताओं ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में शांति बहाली के प्रयासों पर अपने विचार साझा किए। इसके साथ ही भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी को और गहराई देने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
यूक्रेन मुद्दे पर फ्रांस की भूमिका
मोदी और मैक्रों की यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब फ्रांस यूक्रेन संकट के समाधान में अहम भूमिका निभाता दिख रहा है। हाल ही में अलास्का में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाकात हुई थी। उस बैठक के बाद मैक्रों ने ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी। यही कारण है कि यूरोप में शांति स्थापित करने के लिए मैक्रों की भूमिका को विशेष महत्व दिया जा रहा है। हालांकि, ट्रंप और पुतिन की बैठक किसी ठोस सहमति तक नहीं पहुंच सकी थी।
मैक्रों का बयान
प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति ने भी एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि भारत और फ्रांस, दोनों ही यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की दिशा में काम कर रहे हैं। मैक्रों ने यह भी कहा कि यूरोप और यूक्रेन की सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के साथ-साथ दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने पर सहमति जताई है।
आने वाले साल की तैयारी
दोनों देशों के बीच यह संवाद भविष्य की तैयारियों को भी ध्यान में रखकर हुआ है। साल 2026 में फ्रांस जी7 सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जबकि भारत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। इस मौके पर दोनों नेताओं ने मिलकर सहयोग बढ़ाने का भरोसा जताया। इसके अलावा, मैक्रों ने कहा कि वे 2026 में नई दिल्ली में होने वाले एआई इम्पैक्ट समिट की सफलता के लिए भी भारत के साथ मिलकर काम करेंगे।
निष्कर्ष
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों की बातचीत केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने वैश्विक राजनीति में शांति बहाली के प्रयासों को नई दिशा दी है। यूक्रेन युद्ध के समाधान और पश्चिम एशिया में स्थिरता की राह पर यह संवाद अहम साबित हो सकता है।