‘मोदी जी BJP की मजबूरी हैं, जरूरत नहीं’ – निशिकांत दुबे का बड़ा बयान
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि 2029 का लोकसभा चुनाव भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ही लड़ना BJP की मजबूरी बन चुकी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि मोदी जी पार्टी के नेता नहीं रहे तो भाजपा 150 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।
बीजेपी को मोदी की जरूरत है, मोदी को बीजेपी की नहीं
झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने स्पष्ट कहा कि आज के दौर में BJP की मजबूती सिर्फ मोदी के नेतृत्व से ही संभव है। उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री मोदी को भाजपा की आवश्यकता नहीं है, बल्कि भाजपा को उनकी सख्त जरूरत है। देश में राजनीति अब व्यक्तित्व केंद्रित हो चुकी है, और मोदी जी का व्यक्तित्व पार्टी की पहचान बन चुका है।”
75 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट पर बयान
जब उनसे संघ प्रमुख मोहन भागवत के 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट के मुद्दे पर राय पूछी गई, तो दुबे ने दो टूक जवाब दिया कि “प्रधानमंत्री मोदी के जैसे नेता की कोई उम्र सीमा नहीं हो सकती। पार्टी को उनकी आज भी पहले से ज़्यादा ज़रूरत है।”
योगी आदित्यनाथ पर भी दी प्रतिक्रिया
पॉडकास्ट में उनसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल पर निशिकांत दुबे ने कहा कि “दिल्ली की राजनीति में अभी 15 से 20 साल तक कोई खाली जगह नहीं है।” उनका इशारा साफ था कि मोदी जी के रहते शीर्ष नेतृत्व का विकल्प अभी नहीं है।
ठाकरे ब्रदर्स पर दोबारा हमलावर
पॉडकास्ट के दौरान उनसे महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी विवाद पर उनके पुराने बयानों को लेकर भी सवाल किया गया। इस पर दुबे ने फिर से आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा, “राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे कोई लाट साहब नहीं हैं। मैं सांसद हूं, इसलिए कानून हाथ में नहीं ले सकता, लेकिन जनता जब उन्हें सड़क पर देखेगी, तो जवाब जरूर देगी।”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि “गरीब उत्तर भारतीयों को पीटने वालों में हिम्मत है तो मुकेश अंबानी या एसबीआई के चेयरमैन से भी जाकर बात करें, जो मुंबई में मराठी नहीं बोलते।” साथ ही उन्होंने सवाल किया कि “क्या ठाकरे ब्रदर्स माहिम के उन मुस्लिम मराठी भाषी लोगों के पास जाते हैं, जो असल में उनके वोट बैंक हैं?”
निष्कर्ष
निशिकांत दुबे का यह इंटरव्यू केवल प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ नहीं बल्कि BJP की नेतृत्व नीति और विपक्ष पर तीखे हमलों का एक बेजोड़ मिश्रण था। उन्होंने जहां एक ओर मोदी को BJP की मजबूरी बताया, वहीं दूसरी ओर ठाकरे परिवार पर भी तीखा प्रहार किया।