यूजी-पीजी के छात्रों के लिए नया पाठ्यक्रम: मानव मूल्य और प्रोफेशनल नैतिकता
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। अब स्नातक (यूजी) और परास्नातक (पीजी) स्तर पर पढ़ाई करने वाले सभी छात्रों को मानव मूल्य, प्रोफेशनल नैतिकता और वैश्विक नागरिक बनने की शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जाएगी। इस कोर्स को पूरा करने पर छात्रों को दो क्रेडिट अंक भी प्राप्त होंगे, जो उनकी डिग्री का हिस्सा होंगे और भविष्य में नौकरी पाने में मददगार साबित होंगे।
शिक्षा का नया चरण: मूल्य आधारित शिक्षा का महत्व
तेजी से बदलते सामाजिक माहौल में जहां मानवीय मूल्यों और नैतिकता में कमी देखी जा रही है, वहां यूजीसी ने इस गिरावट को रोकने के लिए मानव मूल्य और प्रोफेशनल नैतिकता पर आधारित शिक्षा को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह पहल छात्रों में न केवल पेशेवर योग्यता बढ़ाएगी बल्कि उन्हें ईमानदारी, जवाबदेही और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति भी जागरूक करेगी।
कोर्स की संरचना और क्रेडिट वितरण
इस पाठ्यक्रम को स्नातक के छठे और आठवें सेमेस्टर तथा परास्नातक के अंतिम वर्ष में पढ़ाया जाएगा। यह दो क्रेडिट अंक का कोर्स होगा जिसमें एक क्रेडिट अंक थ्योरी का होगा, जिसके लिए छात्रों को कुल 15 घंटे पढ़ाई करनी होगी, जिसमें हर सप्ताह एक घंटे की कक्षा शामिल है। दूसरा क्रेडिट अंक प्रैक्टिकल आधारित होगा, जिसमें 30 घंटे की संबंधित गतिविधियों में भागीदारी अनिवार्य होगी। कुल मिलाकर छात्रों को इस कोर्स के लिए 45 घंटे का समय देना होगा।
शिक्षा में फोकस क्षेत्र
इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को समाज में बढ़ती कटुता को कम करने के लिए त्याग, प्रेम, करुणा, शांति, सत्य-अहिंसा, सेवा-धर्म, मित्रता जैसी मानवीय और नैतिक मूल्यों की सीख दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्हें राष्ट्रभक्ति और सामाजिक जुड़ाव की भावना से भी प्रेरित किया जाएगा।
प्रोफेशनल नैतिकता और वैश्विक नागरिकता की सीख
पेशेवर जीवन में उचित व्यवहार, निष्पक्षता, ईमानदारी और जवाबदेही बनाए रखना इस कोर्स का मुख्य हिस्सा होगा। छात्रों को वैश्विक नागरिक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल भी प्रदान किए जाएंगे। यह शिक्षा विभिन्न ट्रेनिंग, वर्कशॉप, गोष्ठियों और अन्य गतिविधियों के माध्यम से दी जाएगी ताकि वे व्यावसायिक और सामाजिक दोनों क्षेत्रों में सफल हो सकें।
निष्कर्ष
यूजीसी की यह पहल युवाओं में सकारात्मक सोच और जिम्मेदारी की भावना पैदा करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे न केवल उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी बेहतर बनेगी, बल्कि यह समाज और देश के लिए भी लाभकारी होगी। अब हर छात्र के लिए यह जरूरी होगा कि वह न केवल तकनीकी ज्ञान प्राप्त करे बल्कि मानवीय मूल्यों और नैतिकता को भी अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाए।