GST दरों में बड़ा बदलाव संभव: खत्म हो सकती है 12% की स्लैब, 20 जून को अहम बैठक
20 जून को वित्त मंत्री करेंगी बड़ी बैठक
देश की जीएसटी व्यवस्था में एक बार फिर बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 जून को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अधिकारियों के साथ अहम बैठक करेंगी। इस बैठक में जीएसटी दरों में बदलाव, क्षतिपूर्ति सेस और टैक्स कलेक्शन के ट्रेंड पर चर्चा की जाएगी।
जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले अहम मंथन
इस बैठक को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसके तुरंत बाद जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाए जाने की संभावना है। मौजूदा प्रावधानों के तहत हर तीन महीने में एक बार काउंसिल की बैठक होनी चाहिए, लेकिन पिछले छह महीनों से ऐसी कोई बैठक नहीं हुई है।
12% स्लैब हट सकता है
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में जीएसटी के 12% स्लैब को खत्म करने पर विचार किया जा सकता है। इस स्लैब में आने वाले उत्पादों को या तो 5% या 18% की श्रेणी में डाला जा सकता है। वर्तमान में भारत में पांच मुख्य जीएसटी स्लैब हैं: 3%, 5%, 12%, 18% और 28%। सरकार इस बदलाव से पहले यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इससे जीएसटी संग्रह पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।
इनपुट टैक्स क्रेडिट में भी आ सकता है सुधार
बैठक में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की प्रक्रिया को सरल बनाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी। फिलहाल की व्यवस्था में, यदि खरीदार कारोबारी ने जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो विक्रेता को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिल पाता। इस जटिलता के कारण कई व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सहज बनाने पर विचार होगा।
क्षतिपूर्ति सेस का भविष्य भी एजेंडे में
बैठक में क्षतिपूर्ति सेस की वैधता पर भी चर्चा होगी, जिसकी अवधि मार्च 2026 में समाप्त हो रही है। इसे जारी रखना है या नहीं, इस पर भी मंत्रणा की जाएगी। इस विषय पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में एक समूह बनाया गया है, जिसे 30 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
टैक्स संग्रह बना है सरकार की प्राथमिकता
चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों में जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये प्रति माह से अधिक रहा है। ऐसे में सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी संभावित बदलाव से इस मजबूत संग्रह प्रणाली पर असर न पड़े।
निष्कर्ष:
20 जून की यह बैठक भारत की टैक्स प्रणाली में बड़े बदलाव का संकेत दे रही है। यदि 12% की स्लैब को हटाया जाता है और इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया सरल होती है, तो इसका सीधा लाभ आम कारोबारियों और उपभोक्ताओं को मिल सकता है। अब नजर इस बैठक और इसके बाद जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक पर टिकी है।