महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार का समापन
सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उच्च-तनाव वाले प्रचार का समापन हुआ, जिसमें दो प्रमुख राजनीतिक गठबंधन एक-दूसरे के खिलाफ कड़ा मुकाबला कर रहे हैं। राज्य में 288 सीटों के लिए ये मुकाबला हो रहा है। प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति ने इसकी नाटकीयता को बढ़ाया, जिन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं और चुनावी नारों के साथ राज्य के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की।
राहुल गांधी का हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्षी नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए शासक महायुति गठबंधन पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि धारावी पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य उद्योगपति गौतम अडानी को लाभ पहुंचाना और मुंबई की भूमि और धन को हथियाना था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का सफाई
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि धारावी पुनर्वास परियोजना में अडानी ग्रुप को नहीं, बल्कि राज्य सरकार और अडानी ग्रुप के संयुक्त उपक्रम को जमीनें दी गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महायुति सरकार धारावी के सभी निवासियों को घर देने का वादा करती है, जबकि MVA ने केवल 60,000 पात्र निवासियों को घर देने की योजना बनाई थी।
विनोद तावड़े ने दी चुनौती
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने राहुल गांधी को निवेश परियोजनाओं को लेकर एक “सामना” करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि कई बार यह स्पष्ट किया जा चुका है कि बीजेपी सरकार के दौरान कोई परियोजनाएं महाराष्ट्र से बाहर नहीं गई हैं।
मुख्य गठबंधनों की सीटों की स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो प्रमुख गठबंधन – शासक महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच मुकाबला है। महायुति में बीजेपी 149 सीटों पर, शिंदे की शिवसेना 81 सीटों पर, और अजीत पवार की NCP 54 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। MVA में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) 95 सीटों पर और शरद पवार की NCP (SP) 86 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस चुनाव में कुछ छोटे दल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिनमें राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी, और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं। इसके साथ ही 80 से अधिक निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं।
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चुनावी मुद्दे और जनमत
किसानों की समस्याएं, शासकीय योजनाएं, शिवसेना और NCP के विभाजन जैसे मुद्दे प्रमुख रहे हैं। मऱाठा आरक्षण आंदोलन का प्रभाव भी चुनाव परिणामों पर हो सकता है, हालांकि मऱाठा नेता मनोज जरंगे-पाटिल ने उम्मीदवार नहीं उतारे।
चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में बीजेपी ने हिंदुत्व के मुद्दे को जोरशोर से उठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक है तो सुरक्षित है” नारा दिया, जिसका उद्देश्य सभी जातियों को हिंदुत्व के झंडे तले एकजुट करना था। MVA ने लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को चुनावी प्रचार में भुनाने की कोशिश की, लेकिन उसे उस दौरान कोई खास बढ़त नहीं मिली। विपक्षी गठबंधन ने शासक गठबंधन पर शिवसेना और NCP के विभाजन, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, और किसानों की समस्याओं को लेकर निशाना साधा।
अडानी का विवादित नाम
चुनाव प्रचार के दौरान अडानी ग्रुप का नाम बार-बार उठता रहा, खासकर धारावी पुनर्विकास परियोजना के संदर्भ में। विपक्ष ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।