जापान दौरे से भारत को मिले बड़े समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर हैं। इस यात्रा के पहले चरण में उन्होंने जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित भारत-जापान के 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और तकनीक से जुड़े कई अहम समझौते हुए। शिखर सम्मेलन के बाद साझा घोषणापत्र जारी किया गया, जिसमें आने वाले वर्षों में भारत-जापान सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की रूपरेखा सामने रखी गई।
क्वाड समिट के लिए आमंत्रण
इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो इशिबा को भारत में होने वाले Quad Leaders’ Summit में शामिल होने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं ने Quad को एशिया-प्रशांत क्षेत्र का एक अहम और स्थायी समूह बताते हुए इसकी भूमिका को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
बुलेट ट्रेन और Shinkansen तकनीक
भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट लंबे समय से चर्चा में है। अब जापान ने भारत को अपनी नवीनतम Shinkansen तकनीक उपलब्ध कराने का वादा किया है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इशिबा खुद इस यात्रा के दौरान बुलेट ट्रेन की सवारी भी करेंगे। इससे भारत की हाई-स्पीड रेल परियोजना को गति मिलने की उम्मीद है।
5 लाख लोगों का आदान-प्रदान
दोनों देशों के बीच मानव संसाधन सहयोग को भी अहमियत दी गई है। आने वाले पांच वर्षों में 5 लाख लोगों का आपसी आदान-प्रदान होगा। इनमें से 50,000 कुशल भारतीय जापान जाकर वहां की अर्थव्यवस्था और उद्योगों में योगदान देंगे। इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।
10 ट्रिलियन Yen का निवेश
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट्स को मजबूती देने के लिए जापान ने अगले दस वर्षों में 10 ट्रिलियन Yen का निवेश करने का वादा किया है। इस निवेश से ऊर्जा, मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, शिक्षा और रिसर्च जैसे क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलेगा।
इंडो-पैसिफिक में साझेदारी
भारत और जापान ने मुक्त, खुला और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों देशों ने East China Sea और South China Sea की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और शांति बनाए रखने पर जोर दिया। यह संदेश साफ है कि भारत और जापान एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता में मिलकर योगदान देंगे।
आगे का कार्यक्रम
जापान दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इशिबा साथ में Tokyo Electron Factory का दौरा करेंगे, जहां सेमीकंडक्टर यूनिट का निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी चीन रवाना होंगे और अपनी यात्रा का दूसरा चरण शुरू करेंगे।
👉 यह दौरा भारत के लिए रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।