इजरायल का नया कदम: वेस्ट बैंक में 22 नई यहूदी बस्तियों की मंजूरी, फिलिस्तीन में तनाव तेज
इजरायल ने वेस्ट बैंक क्षेत्र में 22 नई यहूदी बस्तियों को बनाने की मंजूरी दे दी है, जिससे फिलिस्तीनी इलाके में तनाव और बढ़ सकता है। यह फैसला वित्त मंत्री ने सार्वजनिक किया है और बताया है कि ये बस्तियां विशेष रूप से उत्तरी वेस्ट बैंक में स्थापित की जाएंगी। इस कदम को लेकर फिलिस्तीन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारी विरोध हो रहा है, क्योंकि इसे स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य के गठन को रोकने की कोशिश माना जा रहा है।
वेस्ट बैंक में बस्तियों का विस्तार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस वर्ष यूरोप के कई देशों जैसे ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इजरायल को चेतावनी दी थी कि अगर वह वेस्ट बैंक में बस्तियों का विस्तार जारी रखता है तो उन देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इन देशों का कहना है कि इस तरह के कदम क्षेत्र में स्थिरता को खतरे में डालते हैं और शांति प्रक्रिया को बाधित करते हैं। वहीं, इजरायली अति-राष्ट्रवादी नेताओं का कहना है कि ये बस्तियां आवश्यक हैं और उनका स्थान वेस्ट बैंक के उत्तरी हिस्से में होगा।
इजरायली रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नई बस्तियों में मौजूदा आउटपोस्ट को वैध किया जाएगा और कुछ नई बस्तियों का निर्माण भी किया जाएगा। हालांकि, रक्षा मंत्री के प्रवक्ता ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है।
फिलिस्तीन का विरोध और हिंसा की संभावना
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता ने इस फैसले को खतरनाक बताया है और कहा है कि इससे क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता बढ़ेगी। उनका आरोप है कि इजरायल इस तरह के कदमों से एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को रोकना चाहता है। उन्होंने अमेरिका की पूर्व प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
इस बीच, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में इजरायली हवाई हमलों में गाजा पट्टी में 13 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा में एक लंबी सुरंग को नष्ट कर दिया है, जिसे वे हमास के सुरंग नेटवर्क का हिस्सा मानते हैं। इस सुरंग की लंबाई कई सौ मीटर थी और इसे सेना ने सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया।
क्षेत्र में बढ़ती तनाव की आशंका
इजरायल द्वारा वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों का विस्तार फिलिस्तीनी क्षेत्र में तनाव को और बढ़ावा देगा। साथ ही, गाजा में जारी संघर्ष में बढ़ोतरी की आशंका भी बनी हुई है। दोनों पक्षों के बीच यह विवाद शांति प्रयासों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
इजरायल का यह नया कदम फिलिस्तीनी स्वतंत्रता संघर्ष को और जटिल बना देगा। क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं, जिससे शांति और स्थिरता की संभावनाएं कम हो सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले पर गहरी चिंता जताए हुए है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहा है।