ईरान का पलटवार तय? अमेरिकी सैनिकों पर खतरा मंडराया
ईरान की चेतावनी से अमेरिका में बेचैनी
ईरान और अमेरिका के बीच टकराव की स्थिति एक बार फिर गर्म हो गई है। अमेरिकी अधिकारियों को यह अंदेशा है कि ईरान आने वाले एक-दो दिनों में अमेरिकी फौजियों पर हमला कर सकता है, विशेष रूप से मध्य पूर्व के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जा सकता है।
🔹 कूटनीति से समाधान की कोशिश में अमेरिका
इस खतरे को भांपते हुए अमेरिका अब किसी बड़े संघर्ष को टालने के लिए कूटनीतिक रास्ता तलाश रहा है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रयास चल रहा है कि किसी भी तरह ईरान के संभावित हमले से बचा जा सके और तनाव को बातचीत से खत्म किया जाए।
🔹 ईरान का बड़ा बयान – जवाब ज़रूर मिलेगा
ईरान की सेना के प्रमुख अब्दुलरहीम मौसवी ने सख्त बयान देते हुए कहा कि अमेरिका ने तेहरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर बड़ी भूल की है, जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मौसवी ने इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर भी निशाना साधा और कहा कि इनकी सुरक्षा के लिए जो फैसले लिए जा रहे हैं, उनका अंजाम भुगतना पड़ेगा।
🔹 अमेरिका की चेतावनी – हमला किया तो परिणाम भुगतोगे
उधर अमेरिका ने भी ईरान को कड़ा संदेश दिया है कि यदि कोई भी कार्रवाई अमेरिकी हितों या सैनिकों के खिलाफ होती है तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा। दोनों देशों के बीच बयानबाजी से हालात और ज़्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं।
🔹 कच्चे तेल की कीमतों में तेजी
इस तनाव का असर सीधे तेल की कीमतों पर पड़ा है। बाजार में कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ने लगे हैं। इस स्थिति को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर तेल उत्पादकों से उत्पादन बढ़ाने की अपील करते हुए कहा – “ड्रिल बेबी ड्रिल! कीमतें नीचे रखो, सब देख रहा हूं!”
🔹 रूस से मदद की उम्मीद
इस बीच ईरान ने रूस से मदद मांगी है। हालांकि रूस के उप विदेश मंत्री ने इस पर सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया और कहा कि यह मुद्दा संवेदनशील है और अभी इस पर कुछ कहना सही नहीं होगा। इससे यह संकेत मिलते हैं कि क्षेत्रीय राजनीति और जटिल हो सकती है।