पीएम मोदी करेंगे विशाखापत्तनम में योग, बाबा रामदेव का भी विशेष सत्र, देशभर में योग की धूम
21 जून 2025 को भारत समेत पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर देशभर में हजारों कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
भारत में योग की गौरवशाली परंपरा
योग की शुरुआत भारत में प्राचीन काल में हुई थी और आज यह दुनिया भर में शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शांति का प्रतीक बन चुका है। योग एक प्राकृतिक माध्यम है, जो जीवनशैली को संतुलित बनाने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाता है। इसी वजह से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
पीएम मोदी विशाखापत्तनम में करेंगे योग अभ्यास
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में हजारों लोगों के साथ सामूहिक योग सत्र में भाग लेंगे। यह आयोजन न सिर्फ स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, बल्कि इससे देशवासियों को एकजुटता और शांति का संदेश भी दिया जाएगा।
बाबा रामदेव का विशेष योग सत्र
योगगुरु बाबा रामदेव हर साल की तरह इस बार भी योग दिवस पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हजारों लोगों को योग का अभ्यास करा रहे हैं। उनका मानना है कि योग भारत की पहचान है और इसके नियमित अभ्यास से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
राजस्थान में योग और पर्यटन का संगम
राजस्थान सरकार इस बार योग दिवस को एक नए रूप में प्रस्तुत कर रही है। “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की थीम पर इस बार न केवल स्टेडियम और पार्कों में बल्कि प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर भी सामूहिक योग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। जयपुर समेत कई शहरों में ऐसे आयोजन देखने को मिल रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि पर्यटन स्थलों पर आने वाले लोग भी योग के प्रति जागरूक हों और इसका लाभ उठा सकें।
देशभर में योग दिवस पर आयोजन
भारत के हर राज्य में योग दिवस को उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों, एनजीओ और समाजिक संगठनों द्वारा योग सत्रों का आयोजन किया गया है। लाखों लोग इस अवसर पर सामूहिक योग अभ्यास में भाग ले रहे हैं। इन आयोजनों का मकसद सिर्फ योग का प्रचार करना ही नहीं बल्कि आम नागरिकों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना भी है।
योग को मिले अंतरराष्ट्रीय सम्मान
2015 से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य था – योग को वैश्विक पहचान देना। आज यह एक ऐसा दिवस बन चुका है जो न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में लाखों लोगों को एकजुट करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मान्यता मिलने के बाद यह दिन पूरी दुनिया में योग की महत्ता को उजागर करने का माध्यम बन चुका है।
इस योग दिवस पर एक बार फिर भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि स्वास्थ्य और अध्यात्म के क्षेत्र में उसका योगदान कितना विशाल और प्रभावशाली है।