भारत के कड़े फैसले से तुर्की को झटका: सेब, संगमरमर और शेयर तक पड़ा असर
भारत और तुर्की के रिश्तों में हाल ही में भारी तनाव देखा गया है। इसकी वजह तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन और भारत विरोधी बयान रहे। तुर्की के इस रुख के बाद भारत सरकार ने कई सख्त कदम उठाए, जिनका असर सीधे-सीधे तुर्की की कंपनियों, व्यापार और पर्यटन पर पड़ा है। अब भारतीय नागरिक और व्यापारी तुर्की से दूरी बना रहे हैं, जिससे तुर्की को आर्थिक और सामाजिक मोर्चे पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
एयरपोर्ट सेवा कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द
भारत सरकार ने तुर्की की बड़ी एयरपोर्ट सेवा देने वाली कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया है। यह कंपनी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे बड़े शहरों के हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं दे रही थी। सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताया है और कहा है कि देशहित में यह कदम जरूरी था। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी ने भी सेलेबी के साथ अपने सभी करार खत्म कर दिए हैं। अब इन जगहों पर कामकाज की जिम्मेदारी अन्य कंपनियों को सौंपी गई है।
पाकिस्तान के समर्थन पर कड़ी प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब तुर्की ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना की और पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया। इससे भारत में गुस्से की लहर फैल गई। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड करने लगा और आम लोग तुर्की के उत्पादों व पर्यटन स्थलों का बहिष्कार करने लगे। यह विरोध इतना तेज हुआ कि सेलेबी जैसी बड़ी कंपनी पर सीधी कार्रवाई करनी पड़ी।
व्यापार को लगा गहरा झटका
भारत और तुर्की के बीच व्यापार में अब गिरावट आना शुरू हो गई है। भारत तुर्की को हर साल करीब 5.2 अरब डॉलर का सामान निर्यात करता है, जबकि तुर्की से सिर्फ 2.84 अरब डॉलर का माल भारत आता है। इसमें मुख्य रूप से सेब, संगमरमर, तेल और सोने जैसे उत्पाद शामिल हैं। अब महाराष्ट्र और राजस्थान के व्यापारियों ने तुर्की से आने वाले सेब और मार्बल के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। इससे तुर्की के व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है।
पर्यटन में आई गिरावट
पर्यटन क्षेत्र भी इस तनाव से अछूता नहीं रहा। भारत से तुर्की जाने वाली फ्लाइट बुकिंग में लगभग 60% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, यात्रा रद्द करने के मामले 250% तक बढ़ गए हैं। ट्रैवल एजेंसियों ने भी अब तुर्की की जगह अन्य पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता देने की सलाह दी है।
निष्कर्ष
भारत ने तुर्की के व्यवहार पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। यह सिर्फ एक राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान और सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है। तुर्की को अब अपने रुख पर पुनर्विचार करना होगा, क्योंकि भारत ने साफ कर दिया है कि वह देशहित से कोई समझौता नहीं करेगा।