एशिया कप 2025: पाकिस्तान को हराने के बाद ट्रॉफी विवाद में घिरी टीम इंडिया
एशिया कप 2025 के फाइनल में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराकर खिताब अपने नाम किया, लेकिन इसके बाद ट्रॉफी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया और यह फैसला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। सोशल मीडिया पर “India Trophy Boycott” और “Imaginary Trophy” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
पाकिस्तान को हराकर लगातार तीसरी जीत
भारत ने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया और पाकिस्तान को तीनों मैचों में हराया। फाइनल मुकाबले में तिलक वर्मा की नाबाद 69 रनों की पारी की बदौलत भारत ने पांच विकेट से जीत हासिल की। टूर्नामेंट 4 से 28 सितंबर तक चला और टीम इंडिया ने इसमें लगातार सात जीत दर्ज कीं। यह जीत खिलाड़ियों की मेहनत और टीम स्पिरिट का नतीजा रही।
ट्रॉफी लेने से इनकार
फाइनल मुकाबले के बाद ट्रॉफी वितरण समारोह में भारतीय कप्तान और उनकी टीम ने एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड प्रमुख से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। भारतीय खिलाड़ियों का मानना था कि ऐसे व्यक्ति से सम्मान लेना उचित नहीं, जो लगातार भारत विरोधी बयानों से विवाद खड़ा करता है। इस फैसले के बाद माहौल और ज्यादा गर्मा गया।
बीसीसीआई का कड़ा रुख
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने साफ कर दिया कि खिलाड़ियों का यह कदम सही है और इसे पूरी तरह समर्थन मिलेगा। बोर्ड ने कहा कि ट्रॉफी नहीं लेने का मतलब यह नहीं कि कोई उसे होटल ले जाए। यह बचकाना व्यवहार है और इसके खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। नवंबर में होने वाली अंतरराष्ट्रीय बैठक में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी है।
सोशल मीडिया पर बवाल
जैसे ही खिलाड़ियों ने ट्रॉफी लेने से इनकार किया, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। फैंस ने कहा कि यह “न्यू इंडिया” है जो हर स्तर पर पाकिस्तान को करारा जवाब देता है। कई यूजर्स ने लिखा कि भारत अब घर में घुसकर जीत दर्ज करता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री की ओर से भी बधाई संदेश आया, जिसमें कहा गया कि मैदान पर भी नतीजा वही है—भारत की जीत।
वजह क्या रही ट्रॉफी ठुकराने की
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय खिलाड़ियों के इस फैसले की तात्कालिक वजह ट्रॉफी देने वाले शख्स की सोशल मीडिया पोस्ट रही। उन्होंने फाइनल से पहले एक्स पर कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिनमें पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लड़ाकू विमानों की पृष्ठभूमि में दिखाया गया। इससे पहले भी उन्होंने विवादित तस्वीरें साझा की थीं, जिनमें एक दुर्घटनाग्रस्त विमान की फोटो शामिल थी। इन सब वजहों से भारतीय टीम ने स्पष्ट संदेश देने के लिए ट्रॉफी लेने से इनकार किया।
गर्व और संदेश दोनों
भारत की इस जीत ने न सिर्फ देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी एक बड़ा संदेश दिया। क्रिकेट केवल खेल का मैदान नहीं रहा, बल्कि यह कूटनीति और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक बन गया। खिलाड़ियों ने अपनी जीत से साबित किया कि वे केवल बैट और बॉल से ही नहीं, बल्कि अपने फैसलों से भी विरोधियों को जवाब देना जानते हैं।