अब अमेरिका को स्मार्टफोन सप्लाई करेगा भारत, चीन को पीछे छोड़ा
भारत की ऐतिहासिक छलांग, अमेरिका को एक्सपोर्ट में बना नंबर वन
भारत ने पहली बार चीन को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका को स्मार्टफोन एक्सपोर्ट करने के मामले में नई उपलब्धि हासिल की है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में भेजे गए स्मार्टफोनों में से 44% मेड-इन-इंडिया थे, जबकि चीन की हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 25% रह गई है। इससे पहले तक चीन इस क्षेत्र में अग्रणी था।
📈 मेड-इन-इंडिया फोन की मांग में भारी उछाल
रिसर्च फर्म कैनालिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका को भेजे गए भारतीय स्मार्टफोनों की शिपमेंट में 240% की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल यह आंकड़ा सिर्फ 13% था। इस जबरदस्त ग्रोथ का मुख्य श्रेय Apple को दिया जा रहा है, जिसने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में उल्लेखनीय इज़ाफा किया है।
Apple का बड़ा योगदान, भारत को दिलाई नई पहचान
Apple ने अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव को देखते हुए अपने प्रोडक्शन बेस को भारत की ओर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। iPhone 15, iPhone 16 और इनके Pro वर्जन अब भारत में असेंबल किए जा रहे हैं। Apple ने iPhone 16 Pro के कुछ यूनिट्स का प्रोडक्शन भी भारत में शुरू कर दिया है। इससे भारत को एक ग्लोबल सप्लाई चेन में खास स्थान मिल गया है।
ट्रेड वॉर से बदली कंपनियों की रणनीति
अमेरिका-चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर और टैरिफ नीतियों में बदलाव ने स्मार्टफोन कंपनियों को अपनी मैन्युफैक्चरिंग रणनीति पर पुनर्विचार करने पर मजबूर किया है। Apple के अलावा Samsung और Motorola जैसी कंपनियां भी भारत में प्रोडक्ट बनाकर अमेरिका भेज रही हैं, लेकिन Apple की हिस्सेदारी और स्केल अब भी सबसे अधिक है।
भविष्य में भारत में और बढ़ेगा iPhone उत्पादन
Apple ने यह स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में भारत में iPhone प्रोडक्शन को और तेज़ी से बढ़ाया जाएगा। हालांकि फिलहाल बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग चीन में ही हो रही है, लेकिन भारत में बढ़ते प्रोडक्शन से चीन पर निर्भरता कम हो रही है। यह भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इसे एक टेक्नोलॉजी हब बनने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
भारत की यह उपलब्धि केवल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं की मजबूती का प्रतीक है। अब भारत न केवल एक बड़ा मार्केट है, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन का एक भरोसेमंद केंद्र भी बन रहा है। आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों का प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बन सकता है।