भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क
22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में मेट्रो विस्तार परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन चुका है। जहां 2014 से पहले देश में सिर्फ 250 किलोमीटर तक मेट्रो सेवाएं थीं, वहीं अब यह दायरा 1000 किलोमीटर से अधिक हो चुका है।
कोलकाता में मेट्रो का विस्तार
कोलकाता मेट्रो में इस बार तीन नई लाइनों का शुभारंभ किया गया है। पीएम मोदी ने जेसोर रोड मेट्रो स्टेशन से नोआपारा-जय हिंद एयरपोर्ट सेवा, सियालदह-एस्प्लेनेड सेवा और बेलेघाटा-हेमंत मुखोपाध्याय सेवा को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही सात नए स्टेशन भी नेटवर्क में जोड़े जा रहे हैं। इन विस्तारों से कोलकाता की कनेक्टिविटी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं और बेहतर हो जाएंगी।
पीएम मोदी ने की मेट्रो यात्रा
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खुद मेट्रो की सवारी की। यात्रा के दौरान उन्होंने स्कूली छात्राओं से बातचीत की और मेट्रो निर्माण में जुड़े श्रमिकों से भी मुलाकात की। इस दौरान पीएम ने कहा कि कोलकाता जैसे शहर भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ भविष्य की प्रगति का भी प्रतीक हैं।
भारत की प्रगति में कोलकाता की भूमिका
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत जब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तो दमदम और कोलकाता जैसे क्षेत्रों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि देश हर शहर को आधुनिक परिवहन सुविधाओं से जोड़ रहा है। ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग पॉइंट्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मेट्रो का विस्तार इस दिशा में एक अहम कदम है।
आत्मनिर्भर भारत और ऑपरेशन सिंदूर
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए कहा कि अब देश दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह भारतीय सेना ने आतंकियों और उनके ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस सफलता के पीछे मेड इन इंडिया हथियारों का बड़ा योगदान रहा। यह इस बात का सबूत है कि आत्मनिर्भरता से ही राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
कोलकाता में मेट्रो विस्तार का यह उद्घाटन सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भारत की प्रगति और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। मेट्रो नेटवर्क का यह विकास न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि भारत को आधुनिक और टिकाऊ परिवहन व्यवस्था की दिशा में भी आगे ले जाएगा।