भारत ने दिखाई दरियादिली, पाकिस्तान को दी बाढ़ की चेतावनी
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते भले ही तनावपूर्ण हों, लेकिन मानवीय आधार पर भारत ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। जम्मू-कश्मीर में तवी नदी का जलस्तर बढ़ने से संभावित बाढ़ की आशंका जताई गई, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को समय रहते अलर्ट किया। यह जानकारी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को दी गई। खास बात यह है कि यह संवाद ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच हुई पहली आधिकारिक बातचीत है।
सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद भी मदद
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था, जिसके तहत भारत हर साल पाकिस्तान को जल प्रवाह और तकनीकी जानकारी साझा करता था। लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अप्रैल 2025 में भारत ने इस समझौते को रद्द कर दिया। इसके बाद भारत पर पाक को डेटा देने की कोई बाध्यता नहीं रह गई थी। इसके बावजूद भारत ने पड़ोसी देश को संभावित बाढ़ की स्थिति की जानकारी देकर दरियादिली दिखाई।
जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालात
पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में लगातार भारी बारिश हो रही है। इस बारिश ने तबाही मचा दी है।
- तवी नदी का जलस्तर काफी ऊपर चला गया है।
- निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
- प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रहा है।
बताया जा रहा है कि भारत से चेतावनी मिलने के बाद पाकिस्तान में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है और वहां भी प्रभावित इलाकों से लोगों को हटाया जा रहा है।
टूटा 100 साल का रिकॉर्ड
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जम्मू में इस बार अगस्त महीने में हुई बारिश ने सौ साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
- 5 अगस्त 1926 को 228.6 मिमी बारिश दर्ज हुई थी।
- इसके बाद अब 2025 में अगस्त महीने में इतनी भारी बारिश देखने को मिली है।
इस बारिश ने कई इलाकों को जलमग्न कर दिया है। जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे तक टूट गया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और अन्य जल स्रोतों के आसपास न जाएं।
पाकिस्तान तक पहुंचा असर
भारत द्वारा दी गई चेतावनी के बाद पाकिस्तान ने भी तवी नदी के निचले हिस्सों में बाढ़ की आशंका को लेकर अलर्ट जारी किया है। वहां प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। यह दिखाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर मानवीय पहल की कितनी जरूरत होती है।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते भले ही कई बार तनावपूर्ण मोड़ पर रहे हों, लेकिन संकट की घड़ी में भारत ने इंसानियत को तरजीह दी। तवी नदी में संभावित बाढ़ की जानकारी देकर भारत ने यह साबित कर दिया कि जब बात मानवीय मूल्यों की हो, तो सीमाओं और विवादों से परे जाकर भी कदम उठाए जा सकते हैं।