राजधानी लखनऊ में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। रविवार को 21 नए मरीज सामने आए, जो जनवरी से अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। जनवरी से अगस्त तक 103 मामले ही पाए गए थे, लेकिन सितंबर के 22 दिनों में ही 181 मरीज सामने आ चुके हैं। इस समय 50 से अधिक मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं।
“लखनऊ में डेंगू का कहर: जनवरी से सितंबर में 284 मामले, एक दिन में 21 नए मरीज!”
स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, जनवरी से सितंबर तक लखनऊ जिले में डेंगू के कुल 284 मामले रिपोर्ट हुए हैं। हालिया 24 घंटे में 21 नए मरीजों के मिलने से यह आंकड़ा इस साल का सबसे अधिक हो गया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सभी नए मामले शहरी क्षेत्रों से हैं, और बारिश के बाद से डेंगू केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
अधिकांश नए मरीज आलमबाग, इंदिरानगर, गोमतीनगर एक्सटेंशन, गोसाईंगंज, मॉल और चिनहट क्षेत्रों से हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चार मरीजों की प्लेटलेट कम होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य मरीज घर पर हैं। जुलाई में डेंगू के 16 मामले थे, अगस्त में 46 और सितंबर में अब तक 181 मरीज सामने आ चुके हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं, हालांकि भर्ती होने वालों की संख्या कम है।
“लखनऊ में सितंबर में डेंगू का बढ़ता प्रकोप
शहर में सितंबर माह में डेंगू ने तेजी से रफ्तार पकड़ ली है, और इस साल सबसे अधिक मामले इसी माह में सामने आए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है। पिछले 24 घंटे में 21 नए डेंगू के मरीज मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिन इलाकों से मरीज मिल रहे हैं, वहां एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है।
वर्तमान में सरकारी और निजी अस्पतालों में लगभग 50 मरीज भर्ती हैं, जो अपना इलाज करा रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू से किसी भी मरीज की जान नहीं गई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सतर्क है और आवश्यक कदम उठा रहा है।
“डेंगू से निपटने के लिए अस्पतालों में 100 बेड रिजर्व
लखनऊ में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसमें जुलाई में 16, अगस्त में 46, और सितंबर में 181 मरीज सामने आए हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में 100 से अधिक बेड रिजर्व कर दिए गए हैं।
सिविल अस्पताल में 30, बलरामपुर अस्पताल में 30, लोकबंधु में 20, रामसागर मिश्रा में 10, और रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में 10 बेड रिजर्व हैं। अस्पताल प्रभारियों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर बेड की संख्या को तुरंत बढ़ाने की तैयारी है, ताकि डेंगू के बढ़ते मामलों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
“डेंगू से बचने के प्रभावी उपाय”
पानी जमा न होने दें: घर के आसपास या अंदर पानी जमा न होने दें। गमलों, कूलर, और रखे हुए टायर में पानी भरने पर इसे तुरंत निकाल लें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
कूलर में कैरोसिन तेल: कूलर में पानी है तो उसमें कैरोसिन तेल डालें, इससे मच्छरों के पनपने की संभावना कम हो जाती है।
पानी की टंकियाँ ढककर रखें: पानी की टंकियों को खुला न छोड़ें, उन्हें अच्छी तरह ढककर रखें।
सुरक्षात्मक कपड़े पहनें: फुल स्लीव और पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनें। बच्चों को मच्छर से बचाने वाली क्रीम लगाकर ही बाहर भेजें।
इन उपायों से आप डेंगू से बचाव कर सकते हैं और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
फागिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव जारी”
नगर स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए फागिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। मच्छरों की रोकथाम के लिए बड़े तालाबों में ड्रोन से एंटीलार्वा का छिड़काव भी किया जा रहा है। इसके अलावा, तालाबों और फाउंटेन में गम्बूजिया मछलियां भी डाली गई हैं, जो मच्छरों के लार्वा का खात्मा करती हैं।
19 से 26 जून तक विशेष अभियान के तहत मच्छरों के लार्वा की जांच कालोनियों में की जा रही है। लार्वा पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों, कोचिंग संस्थानों और अन्य स्थानों पर अभियान चलाया जा रहा है, और पार्षदों का भी सहयोग लिया जा रहा है। सभी से अपील की जा रही है कि डेंगू से बचाव के लिए घर और छतों पर पानी जमा न होने दें।